सांप के काटने पर भी नहीं होती मौत, क्या है मप्र के इस गांव का रहस्य?

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का महाराजपुर गांव सांपों के मामले में अनोखा है, क्योंकि यहां सांप के काटने से आज तक किसी की मौत नहीं हुई है। ग्रामीणों का मानना है कि बिदेही बाबा के मंदिर में जाने से सांप का जहर उतर जाता है।

rohan salodkar | Published : Sep 27, 2024 7:48 AM IST / Updated: Sep 27 2024, 01:32 PM IST

छतरपुर (मध्य प्रदेश). सांप (snake) का नाम सुनते ही शरीर कांप उठना स्वाभाविक है. भारत में पाए जाने वाले सभी सांपों के काटने से इंसान की मौत नहीं होती है. कई गैर विषैले सांप भी हमारे बीच रहते हैं. लेकिन लोगों को यह नहीं पता होता है कि कौन सा सांप जहरीला (poisonous snake) है और कौन सा नहीं. सांप के काटने के डर से ही कई लोग दम तोड़ देते हैं. वहीं कुछ लोग लापरवाही का शिकार हो जाते हैं. बारिश के मौसम में सांपों का खतरा ज्यादा होता है. हर साल सांप के काटने से 45 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो जाती है. लेकिन हम जिस इलाके की बात कर रहे हैं, वहां एक भी शख्स की मौत सांप के काटने से नहीं हुई है. इसकी वजह है वहां स्थित एक मंदिर.

मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले के महाराजपुर गांव सांप के मामले में सुर्खियां बटोर रहा है. इस गांव में आज तक किसी भी व्यक्ति की मौत सांप के काटने से नहीं हुई है. सांप के काटते ही हम सबसे पहले उसे अस्पताल ले जाने का काम करते हैं. लेकिन यहां के लोग, बिदेही बाबा (Bidehi Baba ) के मंदिर में ले जाते हैं. यहां आने पर सांप काटे व्यक्ति के ठीक होकर घर जाने की मान्यता है.

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मंदिर का इतिहास (Temple History) क्या है? : इस मंदिर के पुजारी राजकुमार तिवारी के अनुसार, एक राजा सांसारिक जीवन को त्यागकर एकांत में रहने के लिए जंगल में चले जाते हैं. वहां तपस्या करते हुए उनकी समाधि लग जाती है. उनकी समाधि स्थल पर ही इस मंदिर का निर्माण कराया गया है. कहते हैं कि बिदेही बाबा के जीवनकाल में, एक गरीब बूढ़ी औरत अपने सांप काटे बेटे को लेकर उनके पास आई थी. बाबा ने उस महिला को उसके बेटे को बचाने का वचन दिया था. तभी से, सांप काटे व्यक्ति को यहां लाया जाता है. यहां सिर्फ सांप के काटने पर ही नहीं बल्कि किसी भी जहरीले जानवर के काटने पर भी इलाज किया जाता है. प्रेत बाधा से परेशान लोग भी यहां आते हैं.

इस मंदिर में एक सांप रहता है. भक्तों का मानना है कि यही सांप लोगों को काटता है और फिर उनकी जान बचाता है. इस बात को पुजारी भी स्वीकार करते हैं. हर दिन यहां 20-25 लोग इलाज कराने आते हैं.

यहां सांप के काटने पर लोगों के बालों की चोटी बांधी जाती है. उन्हें पानी की जगह घी और काली मिर्च मिलाकर पीने को दिया जाता है. विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, हर साल सांप काटने के 50 लाख मामले सामने आते हैं. सांप के काटने से न सिर्फ मौत होती है, बल्कि स्थायी विकलांगता भी हो सकती है. भारत में चार सबसे जहरीले सांप पाए जाते हैं, जिन्हें बिग फोर कहा जाता है. इंडियन कोबरा, कॉमन क्रेट, रसेल्स वाइपर और सॉ-स्केल्ड वाइपर के काटने के बाद इंसान का बचना मुश्किल होता है.

 

सांप आमतौर पर सुबह या शाम के समय काटते हैं, जब वे भोजन की तलाश में निकलते हैं. इसलिए इस दौरान ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए. सांपों को लेकर लोगों में कई भ्रांतियां हैं, जिन्हें दूर करने के लिए जागरूकता फैलाने की जरूरत है.

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