क्रिसमस की तैयारियों के बीच चर्चों में घुसपैठ, वायरल वीडियो और हिंसा-क्या यह धर्मांतरण है?

Published : Dec 23, 2025, 10:37 AM IST
 christmas church attack madhya pradesh jabalpur conversion row

सार

Jabalpur Church Controversy: क्रिसमस से पहले मध्य प्रदेश के जबलपुर में चर्चों में घुसपैठ और हिंसा से तनाव फैल गया। धर्मांतरण के आरोपों पर बीजेपी नेता से जुड़ा वीडियो वायरल हुआ। पुलिस जांच में जुटी है, कई युवक हिरासत में लिए गए हैं।

जबलपुर। क्रिसमस से ठीक पहले मध्य प्रदेश के जबलपुर में चर्चों को लेकर जो घटनाएं सामने आई हैं, उन्होंने पूरे राज्य में तनाव का माहौल बना दिया है। धर्मांतरण के आरोप, चर्च परिसरों में जबरन घुसपैठ, वायरल वीडियो और पुलिस कार्रवाई-इन सबने इस मामले को बेहद संवेदनशील बना दिया है। सवाल यह है कि क्या वाकई जबरन धर्म परिवर्तन हो रहा था, या फिर यह सब अफवाहों और गलतफहमियों का नतीजा है?

आखिर विवाद की शुरुआत कैसे हुई?

यह पूरा मामला सोमवार को उस समय गरमा गया, जब जबलपुर के हवाबाग महिला कॉलेज के पीछे स्थित एक चर्च में दक्षिणपंथी संगठनों के कुछ सदस्य अचानक पहुंच गए। उनके साथ बीजेपी की जिला उपाध्यक्ष अंजू भार्गव भी मौजूद थीं। आरोप लगाया गया कि वहां दृष्टिबाधित छात्रों को जबरन ईसाई धर्म अपनाने के लिए मजबूर किया जा रहा है। चर्च के अंदर बहस बढ़ी और देखते ही देखते हालात तनावपूर्ण हो गए। इसी दौरान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया, जिसमें अंजू भार्गव एक दृष्टिबाधित महिला से बहस और हाथापाई करती नजर आईं। यही वीडियो पूरे विवाद का केंद्र बन गया।

 

 

वायरल वीडियो में क्या दिखा जिसने बवाल मचा दिया?

सोशल मीडिया पर वायरल फुटेज में देखा गया कि चर्च के अंदर बैठी एक दृष्टिबाधित महिला से अंजू भार्गव तीखी बहस कर रही हैं। एक पल ऐसा भी आया जब उन्होंने महिला का चेहरा पकड़ लिया। जवाब में महिला ने उनका हाथ पकड़कर हटाया और बार-बार कहा कि बिना छुए बात करें। हालात बिगड़ते देख वहां मौजूद अन्य लोगों ने बीच-बचाव किया, जिसके बाद पुलिस को मौके पर बुलाया गया। वीडियो सामने आने के बाद मामला सिर्फ धार्मिक नहीं, बल्कि राजनीतिक भी बन गया।

क्या दृष्टिबाधित छात्रों का धर्मांतरण हो रहा था?

पुलिस की शुरुआती जांच में जो बातें सामने आई हैं, वे आरोपों से काफी अलग हैं। पुलिस अधिकारियों के मुताबिक, चर्च में आए दृष्टिबाधित छात्र क्रिसमस से जुड़े एक चैरिटी कार्यक्रम के तहत लंच और प्रार्थना के लिए बुलाए गए थे। छात्रों ने साफ कहा कि उन्हें किसी भी तरह से धर्म परिवर्तन के लिए मजबूर नहीं किया गया। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने बताया कि फिलहाल जबरन धर्मांतरण का कोई सबूत नहीं मिला है और सभी छात्रों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं।

 

फिर दक्षिणपंथी संगठनों ने आपत्ति क्यों जताई?

दक्षिणपंथी संगठनों का कहना है कि सरकारी हॉस्टल में रहने वाले छात्रों को बिना प्रशासन की अनुमति के धार्मिक स्थल पर ले जाना ही संदेह पैदा करता है। उनका यह भी आरोप है कि वहां पूरी तरह ईसाई धार्मिक प्रार्थनाएं हुईं और कथित तौर पर नॉन-वेज भोजन भी परोसा गया। इन आरोपों को लेकर उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई है और पूरे मामले की जांच की मांग की है।

अंजू भार्गव ने अपने बचाव में क्या कहा?

द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में अंजू भार्गव ने कहा कि उन्हें स्थानीय कार्यकर्ताओं से सूचना मिली थी कि चर्च के पास एक जर्जर इमारत में दृष्टिबाधित महिलाओं को उनकी मर्जी के खिलाफ रखा गया है। इसी जानकारी के आधार पर वह वहां पहुंचीं। उनका दावा है कि कुछ महिलाओं ने आयोजन व्यवस्था को लेकर शिकायत की थी और टकराव के दौरान उन पर भी हमला हुआ। हालांकि, उन्होंने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने खुद कोई शिकायत दर्ज नहीं कराई।

जबलपुर में दूसरी घटना ने क्यों बढ़ाई चिंता?

यह मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। रविवार को जबलपुर के मढ़ोताल इलाके के एक चर्च में भी ऐसी ही घटना सामने आई। प्रार्थना सभा के दौरान 15–20 युवकों ने कथित तौर पर चर्च में घुसकर नारेबाजी की, कुर्सियां फेंकीं और हंगामा किया। उपासकों का कहना है कि महिलाएं और बच्चे भी इस दौरान डरे हुए थे। वहीं, संगठन का दावा है कि वे सिर्फ संदिग्ध गतिविधियों की जानकारी लेने गए थे।

पुलिस अब क्या कार्रवाई कर रही है?

पुलिस ने दोनों घटनाओं में गड़बड़ी फैलाने के आरोप में कई युवकों को हिरासत में लिया है। अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्षों की गवाहियों और वीडियो सबूतों के आधार पर घटनाओं की पूरी कड़ी जोड़ी जा रही है।

त्योहार से पहले माहौल क्यों बिगड़ रहा है?

क्रिसमस जैसे बड़े त्योहार से ठीक पहले लगातार चर्चों में विवाद और हिंसा की घटनाएं कई सवाल खड़े करती हैं। क्या यह धार्मिक तनाव बढ़ाने की कोशिश है, या फिर प्रशासनिक लापरवाही और अफवाहों का नतीजा? जवाब जांच पूरी होने के बाद ही साफ हो पाएगा। फिलहाल, जबलपुर और आसपास के इलाकों में प्रशासन अलर्ट पर है और शांति बनाए रखने की अपील की जा रही है।

PREV

मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

MP की 'जल्लाद' लेडी टीचर: 5वीं के छात्र का सिर फोड़ा, जो बचाने आया उसे भी पीटा
भोपाल मेट्रो का टिकट लेने से पहले देखिए यह लिस्ट: शराब ले जा सकते हैं..लेकिन नाश्ता नहीं