CM मोहन यादव ने बुलाई सर्वदलीय बैठक, 27% ओबीसी के मामले में मिला सत्ता-विपक्ष का साथ

Published : Aug 28, 2025, 03:25 PM ISTUpdated : Aug 28, 2025, 03:29 PM IST
CM Mohan Yadav

सार

CM Mohan Yadav All-Party Meeting: मध्यप्रदेश के सीएम मोहन यादव ने सर्वदलीय बैठक का आयोजन किया। इस दौरान 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लेकर चर्चा की गई, जिसमें विपक्ष ने सहमित जताई। 

OBC reservation Supreme Court Hearing: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने 28 अगस्त के दिन मध्यप्रदेश में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण को लेकर बड़ा कदम उठाया। सीएम ने आज इस मामले को लेकर मुख्यमंत्री निवास में सर्वदलीय बैठक बुलाई। इस दौरान ये तय किया गया कि किसी भी कीमत पर राज्य में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण दिया जाएगा। इस मुद्दे पर बिना किसी वाद-विवाद के सभी दलों ने एकमत दिखाई दिए। इतना ही नहीं इस सर्वदलीय बैठक में सभी पक्ष-विपक्ष ने मिलकर संकल्प भी पारित किया। बैठक के बाद सीएम डॉ. यादव ने कहा कि सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। इस बैठक में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी, आम आदमी पार्टी, समाजवादी पार्टी, कांग्रेस, भारतीय जनता पार्टी शामिल होती हुई नजर आईं। हम सभी ने मिलकर राज्य में ओबीसी आरक्षण को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे प्रकरण पर चर्चा की। हम सभी की भावना है कि राज्य में 27 फीसदी ओबीसी आरक्षण दिया जाए।

इस पूरे मामले को लेकर अपनी बात रखते हुए मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि बीजेपी-कांग्रेस के साथ-साथ सभी विपक्षी पार्टियों ने अपनी-अपनी विधानसभा में स्पष्ट किया है कि हम सभी 27 फीसदी आरक्षण देने के लिए एक साथ खड़े हैं। सुप्रीम कोर्ट में 22 सितंबर से इस मामले को लेकर रोज सुनवाई होने जा रही है। चूंकि, कोर्ट में अलग-अलग वकील लड़ रहे हैं, इसलिए अब जरूरी बात ये है कि सभी वकील बैठकर इस मामले में एकमत हों और यह फैसला करें कि सभी को एक साथ चलना है। हमने आज सर्वदलीय संकल्प भी पारित किया है। इसमें हमने तय किया है कि ओबीसी आरक्षण को लेकर हम सभी एक हों और एक ही फोरम पर आएं। सभी वकील 10 सितंबर से पहले-पहले आपस में बैठकर इस प्रकरण पर चर्चा कर लें।

 

 

सीएम डॉ. यादव ने कहा कि होल्ड- अनहोल्ड अभ्यर्थियों में से 14 परसेंट क्लीयर हो गया था, लेकिन 13 फीसदी पेंडिंग है। सुप्रीम कोर्ट जल्द से जल्द इसका निराकरण करेगी। हम सभी चाहते हैं कि 13 फीसदी बच्चों का प्रकरण जल्द हल हो, ताकि उम्र की सीमा को लेकर जो अभ्यर्थी बाहर हो रहे हों, उन्हें भी इसका लाभ मिल जाए। उनकी भी नौकरी लगे। सरकार ने जिन विभागों में आरक्षण नहीं था, उनमें भर्ती की है। लेकिन, हम सभी दल चाहते हैं कि कोई बच्चा नौकरी से वंचित न रहे।

अब तक क्या-क्या हुआ

- 8 मार्च 2019 को मप्र शासन द्वारा अध्‍यादेश के माध्‍यम से ''अन्‍य पिछड़े वर्ग 14 प्रतिशत'' के स्‍थान पर ''अन्‍य पिछड़े वर्ग 27 प्रतिशत'' स्‍थापित किया गया।

- 14 अगस्‍त 2019 को विधानसभा में अध्‍यादेश को अधिनियम का स्‍वरूप दिया गया।

- 24 दिसम्‍बर 2019 को शासन द्वारा नवीन रोस्‍टर जारी की गई।

- 19 मार्च 2019 को सर्वप्रथम आशिता दुबे विरूद्ध मध्‍यप्रदेश शासन केस में चिकित्‍सा महाविद्यालय में प्रवेश पर अध्‍यादेश के आधार पर 14 प्रतिशत से अधिक आरक्षण न देने के निर्देश दिए गए।

- 4 मई 2022 को शिवम गौतम बनाम मप्र शासन प्रकरण में उच्‍च न्‍यायालय जबलपुर द्वारा उपरोक्‍त रोस्‍टर नोटिफिकेशन पर स्‍थगन आदेश जारी किया गया।

- 40 अन्‍य याचिकाओं में 27 प्रतिशत आरक्षण के साथ प्रकाशित विज्ञापनों (एमपीपीएससी, पीईबी, टीईटी आदि) पर रोक लगाई गई

- रोस्‍टर नोटिफिकेशन पर जारी स्‍थगन आदेश एवं समय-समय पर जारी अन्‍य अंतरिम आदेशों के कारण प्रावधानित 27 प्रतिशत अन्‍य पिछड़ा वर्ग आरक्षण का क्रियान्‍वयन प्रायोगिक रूप से संभव नहीं हो पाया।

- वर्तमान में उच्‍चतम न्‍यायालय में अंतिम सुनवाई 22 सितंबर 2025 से प्रारंभ होना नियत है।

- आरक्षण पक्ष में प्रदेश सरकार के प्रयास*

- शासन द्वारा उच्च न्यायालय जबलपुर में प्रचलित WP No.-25181/2019, WP No.-8923/2020 एवं 40 अन्‍य याचिकाओं को WP 5901/2019 के साथ समेकित कराया गया।

- रोस्‍टर नोटिफिकेशन पर जारी स्‍थगन आदेश एवं समय-समय पर जारी अन्‍य अंतरिम आदेशों के कारण उत्‍पन्‍न परि‍स्थितियों का समाधान करने हेतु सामान्‍य प्रशासन विभाग द्वारा परीक्षा परिणाम दो भागों में, 87 प्रतिशत पदों पर अंतिम परिणाम एवं 13 प्रतिशत पदों पर प्रावधिक परिणाम घोषित करने के निर्देश जारी किए गए।

- 2 सितंबर 2021 को मध्‍यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्‍याण आयोग का गठन किया गया।

- मध्‍यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्‍याण आयोग के उद्देश्‍यों में पिछड़े वर्गों की सामाजिक, शैक्षणिक एवं आर्थिक प्रस्थिति, इस वर्ग के पिछड़ेपन के कारणों का अध्‍ययन, असाधारण परिस्थितियों का चिन्‍हांकन शामिल हैं।

- 5 मई 2022 को मध्‍यप्रदेश पिछड़ा वर्ग कल्‍याण आयोग द्वारा मप्र शासन को प्रथम प्रतिवेदन और 12 मई 2022 को द्वितीय प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया।

- सुरेश महाजन बनाम मप्र शासन WP 278/2022 प्रकरण में दिनांक 18 मई 2022 को उच्‍चतम न्यायालय द्वारा स्‍थानीय निर्वाचन (ग्रामीण एवं नगरीय निकाय) में, अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण (35 प्रतिशत तक) के साथ निर्वाचन करवाने के लिए अनुमति प्रदान की गई। अन्‍य पिछड़ा वर्ग के राजनैतिक प्रतिनिधित्‍व के लिए यह अभूतपूर्व कदम था।

- दिनांक 16 फरवरी 2023 को माननीय उच्‍च न्‍यायालय ने WP No.- 24847/2022 (हरिशंकर बारोधिया बनाम म.प्र. शासन) प्रकरण में उपरोक्‍त 87% -13 % फॉर्मूला को वैध बताया।

सर्वदलीय बैठक में कौन-कौन हुए शामिल

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की सर्वदलीय बैठक में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष हेमंत खण्डेलवाल, पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री प्रहलाद पटेल, मंत्री कृष्णा गौर, पिछड़ा वर्ग कल्याण अध्यक्ष रामकृष्ण कुसमारिया, लोकसभा सदस्य, सतना गणेश सिंह, मऊगंज विधायक प्रदीप पटेल, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी, विधायक-नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार, पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अरुण यादव, बहुजन समाज पाटी प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सचिव अरविंद श्रीवास्तव, प्रदेश समाजवादी पार्टी अध्यक्ष मनोज यादव, छत्तीसगढ़ विधायक-प्रदेश अध्यक्ष गोंडवाना गणतंत्र पार्टी तलेश्वर सिंह मरकाम, प्रदेश अध्यक्ष आम आदमी पार्टी-महापौर सिंगरौली रानी अग्रवाल शामिल रहे।

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