
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि ऊर्जा क्षेत्र में मध्यप्रदेश का प्रदर्शन उल्लेखनीय है। पारम्परिक ऊर्जा के साथ नवीन और नवकरणीय ऊर्जा क्षेत्र को भी श्रेष्ठ से श्रेष्ठतम बनाना सरकार की प्राथमिकता है। वे ऊर्जा और नवकरणीय ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में अधिकारियों से विस्तार से जानकारी ले रहे थे। बैठक में ऊर्जा मंत्री राकेश शुक्ला, मुख्य सचिव अनुराग जैन और वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे।
बैठक में बताया गया कि अक्टूबर 2024 में ओंकारेश्वर फ्लोटिंग सोलर परियोजना सफलतापूर्वक स्थापित की गई है। इसके साथ ही आगर, शाजापुर और नीमच के सोलर पार्कों से उत्पन्न बिजली का उपयोग भारतीय रेल भी कर रही है। इन परियोजनाओं से स्थानीय लोगों को रोजगार मिला है और प्रदेश में 60 मिलियन टन से अधिक कार्बन उत्सर्जन कम हुआ है।
राज्य में मुरैना सोलर सह स्टोरेज परियोजना पहली ऐसी परियोजना होगी, जो ऊर्जा भंडारण की सुविधा देगी। इसके जरिए सरकार को हर साल लगभग 180 करोड़ रुपये की बचत होगी। इस परियोजना के सभी कार्य वर्ष 2027 तक पूरे होने की उम्मीद है।
बैठक में सोलर पंप योजना, सूर्य मित्र कृषि फीडर योजना और कुसुम-A योजना पर विस्तृत चर्चा की गई। राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा विकास के लिए 15 डेवलपर्स को विभिन्न जिलों का आवंटन किया गया है। लगभग 1300 सरकारी भवनों पर 48 मेगावाट क्षमता विकसित करने का लक्ष्य रखा गया है।
प्रदेश के नागरिक भी रूफटॉप सोलर योजना का बड़ा लाभ उठा रहे हैं। वर्तमान में 76 हजार से अधिक आवासीय इकाइयों में सौर संयंत्र स्थापित हैं, जिनकी कुल क्षमता लगभग 3 लाख किलोवाट है। सभी 55 जिलों में रूफटॉप सौर योजना के लिए सर्वे का काम प्रगति पर है।
प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत 11 जिलों में एक हजार से अधिक घरों में बैटरी सहित सौर संयंत्र स्थापित किए जा चुके हैं। इससे ग्रामीण घरों में स्वच्छ और सस्ती ऊर्जा उपलब्ध हो रही है।
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