मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भरपूर वर्षा के लिए बाबा महाकाल से की प्रार्थना

मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने उज्जैन में बाबा महाकाल के दर्शन कर प्रदेश में अच्‍छी बारिश के लिए विशेष पूजा-पाठ प्रारंभ किया।सीएम ने कहा- संकट की इस घड़ी में सरकार किसानों के साथ खड़ी है।

Contributor Asianet | Published : Sep 4, 2023 10:42 AM IST

उज्जैन. बाबा महाकाल से यही प्रार्थना है कि अल्‍प वर्षा के कारण प्रदेश के किसानों व फसलों पर जो संकट आया है, इससे हमें निकालें और कृपा की वर्षा करें। प्रदेश की जनता-जनार्दन भी भगवान से अच्‍छी वर्षा के लिए प्रार्थना करे। मैं सभी प्रदेशवासियों को विश्‍वास दिलाता हूं कि इस संकट के समय में अपनी तरफ से किसान भाइयों की सेवा करने में कोई कसर नहीं छोड़ूंगा। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने यह बातें उज्जैन में कहीं। 

मुख्यमंत्री ने यहां बाबा महाकाल की विशेष पूजा की और प्रदेश में अच्छी बारिश के लिए कामना की। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि मुख्यमंत्री ने कहा कि आज महाकाल महाराज की शरण में आया हूं। उज्जैन में बाबा महाकाल का दर्शन एवं पूजन कर प्रदेश में भरपूर वर्षा के लिए प्रार्थना की, ताकि हमारी फसलें बच पाएं। मुझे पूर्ण विश्‍वास है कि देवाधिदेव महादेव हमें इस संकट से जरूर निकालेंगे। प्रभु सब पर अपनी कृपा की वर्षा करते रहना, सब सुखी हों, सब निरोग हों, यही कामना करता हूं। इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नागरिकों से अपील करते हुए कहा कि आप सभी से यह भी आग्रह है कि अनावश्‍यक बिजली का उपयोग न करें, ताकि हम सभी जगह बिजली की आपूर्ति कर पाएं।

महाकाल मंदिर में होगा महारुद्राभिषेक अनुष्ठान

मध्‍य प्रदेश में पुन: बार‍िश का क्रम शुरू हो इसके लिए ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर में भादौ मास के पहले सोमवार को महारुद्राभिषेक अनुष्ठान भी किया जा रहा है। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा महाकाल की विशेष पूजा के बाद यह अनुष्ठान शुरू हो गया है। मध्‍य प्रदेश में खंड वृष्टि के चलते भादौ मास में पहली बार भगवान महाकाल का महारुद्राभिषेक अनुष्ठान किया जा रहा है। सोमवार सुबह पं.घनश्याम पुजारी के आचार्यत्व में मुख्यमंत्री भगवान महाकाल का पंचामृत अभिषेक पूजन कर अनुष्ठान का शुभारंभ किया गया। इसके बाद सतत जलधारा प्रवाहित की जाएगी। 66 ब्राह्मण नंदी हॉल में बैठकर महारुद्राभिषेक के 102 आवर्तन करेंगे। अनुष्ठान अभिषेकात्मक किया जाएगा। बाद में अनुष्ठान की पूर्णाहुति की जाएगी।

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