जिस पत्नी को MLA बनाया, उसी ने मोड़ लिया मुंह, अब दो जून की रोटी को तरस रहा पति, पढ़ें दर्द भरी कहानी

Published : Jul 06, 2025, 10:40 AM IST
Former Madhya Pradesh BJP MLA Sona Bai Ahirwal and her husband Sevak Ram

सार

विधायक बनी, फिर पति को भुला दिया? दमोह में एक विकलांग पति ने पूर्व बीजेपी विधायक पत्नी पर लगाया सनसनीखेज आरोप! कहा– मेरी मेहनत से मिली राजनीति की कुर्सी, अब दो वक्त की रोटी के लिए कोर्ट में भटक रहा हूं। जानिए ये दर्दनाक और चौंकाने वाली कहानी!

Damoh MLA husband court case: राजनीति में सफलता के किस्से तो बहुत हैं, लेकिन दमोह से सामने आया यह मामला रिश्तों के दर्दनाक पहलू को उजागर करता है। भाजपा की पूर्व विधायक सोना बाई अहिरवाल के विकलांग पति सेवक राम ने अपने जीवन यापन के लिए कोर्ट में गुजारा भत्ता की याचिका दायर की है। उन्होंने आरोप लगाया कि उन्होंने पत्नी को विधायक बनाने में भरपूर मेहनत की, लेकिन विधायक बनने के बाद पत्नी ने उन्हें अकेला छोड़ दिया।

राजनीति की ऊंचाइयों पर पहुंची पत्नी, पीछे छूट गया पति 

सेवक राम का कहना है कि 2003 में जब सोना बाई ने राजनीति में कदम रखा, तब उन्होंने दिन-रात एक कर उनकी मदद की। उन्होंने उन्हें भोपाल से लेकर दिल्ली तक राजनीतिक गलियारों में पहुँचाया। यह मेहनत रंग लाई और सोना बाई को भाजपा ने टिकट दिया और वह विधायक बन गईं।

पति का दावा– “वो अब VVIP, मैं दो वक्त की रोटी को मोहताज” 

सेवक राम का आरोप है कि जैसे ही सोना बाई विधायक बनीं, उनका व्यवहार पूरी तरह बदल गया। पहले धीरे-धीरे दूरी बढ़ी और फिर 2009 में सोना बाई बिना तलाक दिए सागर जाकर रहने लगीं। सेवक राम ने बताया कि आज उनकी पत्नी के पास जमीन, गाड़ी और विधायक पेंशन है, लेकिन वह खुद विकलांग हैं और कोई रोजगार नहीं कर पा रहे। ऐसे में उन्हें अपने ही जीवनसाथी से मदद की दरकार है।

25 हजार रुपये मासिक भत्ते की मांग 

सेवक राम ने दमोह जिला कोर्ट के कुटुंब न्यायालय में याचिका दायर की है और हर महीने 25 हजार रुपये की सहायता मांगी है। उनके अधिवक्ता नितिन मिश्रा ने जानकारी दी कि कोर्ट ने याचिका स्वीकार कर ली है और अब विधिवत नोटिस भेजा जाएगा।

सोना बाई बनीं उमा भारती की करीबी, लेकिन पति से नाता तोड़ा? 

राजनीतिक गलियारों में यह भी चर्चा है कि विधायक कार्यकाल के दौरान सोना बाई पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती की करीबी रही हैं। 2008 में सीट सामान्य हो जाने के कारण उन्हें टिकट नहीं मिला, लेकिन आज भी वो बीजेपी की सक्रिय कार्यकर्ता मानी जाती हैं। बावजूद इसके, पति को आर्थिक और भावनात्मक दोनों रूप से उपेक्षित कर दिया गया।

मामला अब कोर्ट में, विधायक मीडिया से बच रहीं 

कोर्ट में याचिका दाखिल होने के बाद मामला सुर्खियों में है। लेकिन पूर्व विधायक सोना बाई इस मुद्दे पर मीडिया से कोई प्रतिक्रिया नहीं दे रही हैं। अब कोर्ट के आदेश के बाद तय होगा कि सेवक राम को उनका हक मिलेगा या नहीं।

 

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