
Mass suicide in Madhya Pradesh: मध्यप्रदेश के देवास जिले से एक ऐसा दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है, जिसने पूरे गांव को सदमे में डाल दिया है। उदयनगर थाना क्षेत्र के धोपघटा गांव में रहने वाले एक ही आदिवासी परिवार के चार सदस्यों ने जहर खाकर सामूहिक आत्महत्या का प्रयास किया, जिसमें से तीन लोगों की मौत हो चुकी है और एक बेटी अस्पताल में जिंदगी और मौत की जंग लड़ रही है।
यह घटना 21 जून की रात की बताई जा रही है। भिलाला समाज से जुड़े राधेश्याम (50), उनकी पत्नी रंगु बाई (48) और दो बेटियां – आशा (23) और रेखा ने कथित रूप से जहर खा लिया। परिजनों ने जब घर में चारों को बेहोशी की हालत में देखा, तो आनन-फानन में उन्हें इंदौर के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया। जहां इलाज के दौरान सबसे पहले राधेश्याम की मौत हो गई। इसके बाद अगले ही दिन रंगु बाई और बेटी आशा ने भी दम तोड़ दिया। रेखा की हालत गंभीर बनी हुई है और वह अब भी ICU में भर्ती है।
इस सामूहिक आत्महत्या के पीछे की वजह को लेकर गांव और क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं चल रही हैं। स्थानीय सूत्रों का कहना है कि यह घटना कथित तौर पर परिवार के बेटे के किसी प्रेम-प्रसंग या विवाद से जुड़ी हो सकती है, जिसकी वजह से परिवार मानसिक तनाव में था। हालांकि, पुलिस ने अभी तक किसी भी कारण की आधिकारिक पुष्टि नहीं की है और मामले की जांच जारी है।
घटना की सूचना मिलते ही उदयनगर थाना पुलिस मौके पर पहुंची और मामले को गंभीरता से दर्ज कर लिया गया है। पुलिस अधिकारी घटनास्थल का निरीक्षण कर रहे हैं और परिवार के नजदीकी लोगों से पूछताछ कर रहे हैं, ताकि आत्महत्या के पीछे के असली कारण का खुलासा हो सके। इधर, धोपघटा गांव में मातम और सन्नाटा पसरा है। ग्रामीणों के मुताबिक, यह परिवार शांत और मिलनसार था, किसी को उम्मीद नहीं थी कि ऐसा खौफनाक कदम उठाया जाएगा।
यह दर्दनाक घटना न सिर्फ आत्महत्या, बल्कि परिवारों में बढ़ते मानसिक तनाव, संवादहीनता और सामाजिक दबाव पर भी एक गंभीर सवाल खड़ा करती है। क्या समय रहते किसी ने उनकी पीड़ा सुनी होती, तो शायद तीन जिंदगियां बचाई जा सकती थीं।
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