
Stratospheric Airship Platform: रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने मध्य प्रदेश के श्योपुर में बने परीक्षण स्थल से स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप प्लेटफॉर्म का पहला उड़ान परीक्षण सफलतापूर्वक किया है।
स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप को आगरा के एरियल डिलीवरी रिसर्च एंड डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट ने विकसित किया है। रक्षा मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि एयरशिप को लगभग 17 किमी की ऊंचाई तक एक इंस्ट्रुमेंटल पेलोड ले जाकर लॉन्च किया गया था। ऑनबोर्ड सेंसर से डेटा प्राप्त हुआ है। इसका इस्तेमाल भविष्य के अधिक ऊंचाई वाले एयरशिप उड़ानों के लिए फिडेलिटी सिमुलेशन मॉडल के विकास के लिए किया जाएगा।
रक्षा मंत्रालय ने बताया कि स्ट्रैटोस्फेरिक एयरशिप के प्रदर्शन के मूल्यांकन के लिए फ्लाइट में एनवलप प्रेसर कंट्रोल और आपातकालीन अपस्फीति प्रणालियों को तैनात किया गया था। परीक्षण दल ने आगे की जांच के लिए सिस्टम को फिर से प्राप्त कर लिया है। उड़ान की कुल अवधि लगभग 62 मिनट थी।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने इस सफल टेस्ट के लिए DRDO को बधाई दी है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली भारत की पृथ्वी अवलोकन और खुफिया, निगरानी और टोही क्षमताओं को बढ़ाएगी। इससे भारत दुनिया के उन कुछ देशों में से एक बन जाएगा जिनके पास ऐसी स्वदेशी क्षमताएं हैं।
रक्षा अनुसंधान एवं विकास विभाग के सचिव और DRDO के अध्यक्ष डॉ समीर वी कामत ने सिस्टम के डिजाइन, विकास और परीक्षण में शामिल DRDO टीम को बधाई दी। उन्होंने कहा कि प्रोटोटाइप उड़ान हल्के-से-हवा वाले उच्च-ऊंचाई वाले प्लेटफॉर्म सिस्टम की प्राप्ति की दिशा में एक मील का पत्थर है जो समताप मंडल की ऊंचाई पर बहुत लंबे समय तक हवा में रह सकता है।
स्ट्रेटोस्फेरिक एयरशिप ऑटोनॉमस प्लेटफॉर्म है जो पृथ्वी के वायुमंडल में उड़ान भरता है। इसे निगरानी, निरीक्षण और वैज्ञानिक खोज जैसे विभिन्न सैन्य या वाणिज्यिक मिशनों के लिए बहुत अधिक ऊंचाई पर उड़ाकर इस्तेमाल किया जाता है। इसके इस्तेमाल से भारत की सेनाओं की निगरानी क्षमता बढ़ेगी।
मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।