
भारत में स्वास्थ्य सेवाएं धीरे-धीरे महंगी होती जा रही हैं और आम आदमी की जेब पर इसका असर साफ देखा जा सकता है। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा अपने कर्मचारियों और पूर्व कर्मचारियों के लिए चलाई जा रही स्वास्थ्य योजनाएं राहत देती हैं। इनमें दो नाम प्रमुखता से सामने आते हैं – CGHS (Central Government Health Scheme) और ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme)।
बहुत से लोग इन दोनों योजनाओं को लेकर कंफ्यूज रहते हैं। आइए जानते हैं कि CGHS और ECHS कार्ड में क्या फर्क है, कौन इसका लाभ ले सकता है, और कौन-सा कार्ड ज्यादा फायदेमंद है।
CGHS कार्ड केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों, सेवानिवृत्त कर्मचारियों और कुछ विशेष पदों (जैसे सांसद, न्यायाधीश आदि) के लिए होता है। इस कार्ड के माध्यम से कर्मचारियों को स्वास्थ्य सेवाएं दी जाती हैं। इसमें मासिक योगदान लिया जाता है, जो आपकी सैलरी के हिसाब से निर्धारित होता है।
सीजीएचएस में आपको सरकारी अस्पतालों और कुछ प्राइवेट अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलती है। यह सुविधा मुख्यत: उन शहरों तक सीमित होती है जहां CGHS का नेटवर्क है।
इसमें लाभार्थी को हर महीने एक निश्चित राशि चुकानी होती है, जो उसकी सैलरी के आधार पर तय होती है। हालांकि, इसके अस्पतालों का नेटवर्क सीमित होता है और सिर्फ कुछ शहरों तक ही इसकी पहुंच है।
ECHS (Ex-Servicemen Contributory Health Scheme) कार्ड विशेष रूप से भारतीय सेना, वायुसेना और नौसेना से सेवानिवृत्त हुए कर्मचारियों के लिए होता है। इस योजना के तहत एकमुश्त योगदान लिया जाता है और इसके बाद जीवनभर मुफ्त इलाज की सुविधा मिलती है।
ECHS कार्ड के लाभार्थी को देशभर के विभिन्न टियर-I और मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों में इलाज की सुविधा मिलती है। ECHS का नेटवर्क काफी बड़ा और विस्तृत होता है, जिससे रिटायर्ड सैनिकों को इलाज के लिए अधिक विकल्प मिलते हैं।
बिंदु - CGHS - ECHS
लाभार्थी - केंद्र सरकार कर्मचारी व रिटायर्ड - रक्षा बलों से रिटायर्ड
योगदान - मासिक सैलरी से - एक बार में रिटायरमेंट पर
अस्पताल - नेटवर्क सीमित शहरों में - पूरे भारत में
सुविधा - सरकारी व कुछ प्राइवेट अस्पताल - सभी टियर-I अस्पतालों में
CGHS कार्ड उन सरकारी कर्मचारियों के लिए एक महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ योजना है, जो अपनी सैलरी से हर महीने योगदान करते हैं। लेकिन इसकी सीमाएं भी हैं। यह केवल कुछ प्रमुख शहरों तक सीमित होता है, और इलाज के लिए सरकारी अस्पतालों या कुछ प्राइवेट अस्पतालों में ही जा सकते हैं। इसके अलावा, कुछ क्षेत्रों में अस्पतालों की उपलब्धता सीमित होती है।
ECHS यानी पूर्व सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना, रिटायर्ड डिफेंस पर्सनल्स (थलसेना, वायुसेना, नौसेना) के लिए है। इस योजना के तहत रिटायरमेंट के समय एकमुश्त अंशदान लिया जाता है और उसके बाद जीवन भर मुफ्त इलाज की सुविधा दी जाती है।
ECHS कार्डधारी देशभर के 400 से ज्यादा अस्पतालों के नेटवर्क से जुड़े हुए हैं, जिसमें टियर-I और मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल भी शामिल हैं। यह योजना CGHS की तुलना में ज्यादा व्यापक और सुविधाजनक मानी जाती है।
अगर हम फायदे की बात करें, तो ECHS कार्ड अधिक प्रभावी माना जाता है क्योंकि इसमें एकमुश्त भुगतान होता है और इलाज के लिए देशभर में फैला नेटवर्क उपलब्ध रहता है। वहीं CGHS कार्ड धारकों को हर महीने सैलरी से कटौती झेलनी पड़ती है और अस्पतालों की सुविधा भी सीमित क्षेत्रों में होती है।
यदि आप केंद्रीय कर्मचारी हैं तो CGHS आपके लिए उपयोगी है, लेकिन यदि आप डिफेंस सर्विस से रिटायर्ड हैं तो ECHS आपके लिए ज्यादा बेहतर साबित होगा। दोनों ही योजनाएं अपने-अपने दायरे में लाभकारी हैं, लेकिन ECHS की पहुंच और सुविधा CGHS से कहीं आगे है।