जबलपुर में फिल्म 'ईगा' जैसा सचः मक्खी ने लिया बदला, गुनहगार को पकड़वाया

Published : Nov 06, 2024, 02:06 PM ISTUpdated : Nov 06, 2024, 02:07 PM IST
जबलपुर में फिल्म 'ईगा' जैसा सचः मक्खी ने लिया बदला, गुनहगार को पकड़वाया

सार

जबलपुर में एक युवक की हत्या के मामले में मक्खी ने अहम भूमिका निभाई। आरोपी के आसपास मंडराती मक्खी से पुलिस को शक हुआ, जिससे हत्या का खुलासा हो सका।

इंदौर : किच्चा सुदीप अभिनीत सुपरहिट फिल्म 'ईगा' ने देशभर में तहलका मचा दिया था। फिल्म की कहानी नायिका के प्रेमी की हत्या का बदला लेने के लिए एक मक्खी के रूप में लौटकर किच्चा सुदीप पर हमला करने पर आधारित थी। अब कुछ ऐसा ही वाकया मध्य प्रदेश के जबलपुर जिले में हुआ है, जहाँ एक मक्खी ने आरोपी का पीछा किया और पुलिस को उसे पकड़ने में मदद की। यह रोमांचक और कौतूहल से भरी घटना रोंगटे खड़े कर देने वाली है।

19 वर्षीय धरम सिंह दिवाली के दिन अपने रिश्तेदार मनोज ठाकुर के साथ शाम को एक बार एंड रेस्टोरेंट गया था। लेकिन मनोज ठाकुर और धरम सिंह दोनों घर नहीं लौटे। मनोज ठाकुर के परिवार वालों ने जबलपुर जिला पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने खोजबीन शुरू की, लेकिन कोई पता नहीं चला। अगले दिन पुलिस को धरम सिंह का शव मिला। जबलपुर शहर की सीमा के एक सुनसान इलाके में धरम सिंह का शव मिलने के बाद पुलिस ने उसे पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।

पुलिस ने जांच शुरू की। इस दौरान पुलिस को पता चला कि धरम सिंह आखिरी बार 26 वर्षीय मनोज सिंह से मिला था। पुलिस ने तुरंत मनोज ठाकुर को ढूंढ निकाला और उससे पूछताछ शुरू की। जिस जगह शव मिला, धरम सिंह का घर, जिस बार एंड रेस्टोरेंट में वे गए थे, कहीं भी सीसीटीवी नहीं था। ऐसे में पुलिस के लिए आरोपी को पकड़ना एक चुनौती बन गया था।

मनोज ठाकुर ने पूछताछ के दौरान अनजान बनने की कोशिश की। पुलिस को शक तो था, लेकिन कोई सबूत नहीं था। पुलिस ने मनोज ठाकुर को थाने बुलाकर पूछताछ की। उसके कपड़े और घर के अन्य कपड़ों को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया, लेकिन कोई सबूत नहीं मिला। कोई गवाह नहीं था, न ही कोई देखने वाला। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में सिर के पिछले हिस्से पर गंभीर चोट लगने से मौत की पुष्टि हुई। लेकिन हत्या के पीछे कौन था, यह पुलिस के लिए एक बड़ा सवाल था।

पहले चरण की पूछताछ के बाद, पुलिस ने दूसरे चरण की पूछताछ शुरू की। पुलिस को एक छोटा सा सुराग मिला और उन्होंने मामले को सुलझाने की कोशिश जारी रखी। पुलिस ने मनोज ठाकुर को फोन करके थाने बुलाया। मनोज ठाकुर और अन्य संदिग्ध आरोपियों से पूछताछ शुरू हुई। इस दौरान पुलिस ने देखा कि एक मक्खी मनोज ठाकुर के आसपास मंडरा रही है। इससे पुलिस का शक और गहरा हो गया।

पुलिस ने तुरंत मनोज ठाकुर को हिरासत में लेकर उसके कपड़ों की जांच की और उन्हें फोरेंसिक लैब भेज दिया। लैब रिपोर्ट आने पर पुलिस का शक यकीन में बदल गया। मनोज के कपड़ों पर खून के धब्बे मिले। अब जबलपुर के लोग कह रहे हैं कि 'ईगा' फिल्म की तरह मृतक धरम सिंह मक्खी बनकर आरोपी मनोज ठाकुर का पीछा कर रहा था। पुलिस को मिले सबूतों के आधार पर पूछताछ करने पर मनोज ठाकुर ने अपना जुर्म कबूल कर लिया। बिल के भुगतान को लेकर दोनों में झगड़ा हुआ था। इस दौरान मनोज ठाकुर ने धरम सिंह के सिर के पिछले हिस्से पर जोरदार वार करके उसकी हत्या कर दी।

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