टीआई चंद्रकांत पटेल ने अपने कौशल और साइकोलॉजिकल प्लान के जरिए डबल मर्डर मिस्ट्री को सॉल्व किया। जानें, कैसे और क्यों मिला उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक और रुस्तमजी अवार्ड।
इंदौर। मई 2021 में कोविड लॉकडाउन की ढील के दौरान भोपाल के कोलार इलाके में एक अजीब घटना घटी। अमरनाथ कॉलोनी और कलियासोत नदी के पास एक युवक की लाश मिली, जिसे जानवर नोच रहे थे। लाश की पहचान 25 वर्षीय युवक मोहन मीणा के रूप में हुई, जिसकी मौत की जांच एक जटिल डबल मर्डर केस में बदल गई। यह हत्या की साजिश दरअसल तब और भी गहरी होती चली गई, जब इस हत्याकांड में ऐसे शख्स की इंट्री हुई, जिसकी कभी किसी ने कल्पना ही नहीं की थी।
जांच में पुलिस ने मोहन की भाभी उर्मिला मीणा को हत्या के जुर्म में गिरफ्तार किया लेकिन मामला यहीं खत्म नहीं हुआ। उर्मिला का पति रंजीत, जो 5 साल से लापता था, भी इसी मर्डर केस से जुड़ा हुआ था। समाज में ये माना जा रहा था कि देवर-भाभी के अवैध संबंधों के चलते रंजीत घर छोड़कर कहीं चला गया है, लेकिन सच्चाई इससे भी कहीं ज्यादा भयानक थी। दरअसल, उर्मिला ने अपने पति की हत्या कर शव को घर के सेप्टिक टैंक में दफन कर दिया था और उसके ऊपर कमरा बनाकर उसी में रहने लगी थी। इस मामले में कोलार थाने के टीआई चंद्रकांत पटेल ने अपनी साइकोलॉजिकल समझ और चतुराई से केस को सुलझाया और इसके लिए उन्हें केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक भी मिला है।
पुलिस के अनुसार 27 मई 2021 को मोहन को आखिरी बार देखा गया था। उसकी भाभी उर्मिला मीणा से झगड़ा हुआ था। पुलिस को जब घर में खून के निशान मिले, तो उन्होंने उर्मिला से उसके पति के बारे में पूछा, जिसका जवाब हमेशा एक ही रहता था। उसके बयान में कोई अंतर नहीं था। उसके बच्चे भी मां की तरह ही बयान दे रहे थे, जिससे पुलिस का शक और बढ़ गया। इसी कारण पुलिस ने देवर की हत्या के साथ पति के लापता होने की भी जांच शुरू कर दी।
29 मई 2021 को पुलिस ने उर्मिला से एक ब्लफ प्लान के तहत पूछताछ की। पूछताछ के दौरान टीआई चंद्रकांत पटेल ने एक फोन कॉल के जरिए ‘खुदाई में कंकाल मिलने’ का जिक्र किया। इसे सुनते ही उर्मिला असहज हो गई और उसने सच्चाई उगल दी। उसने कुबूल किया कि पति रंजीत ने उसे और मोहन को आपत्तिजनक स्थिति में देख लिया था। इसके बाद उसने देवर के साथ मिलकर पति की हत्या कर दी और शव को सेप्टिक टैंक में दफना दिया।
देवर मोहन, जिसने उर्मिला के पति की हत्या में साथ दिया था, लगातार उर्मिला को ब्लैकमेल कर रहा था। वह उसे संबंध बनाने और पैसों के लिए दबाव डालता था। जिससे तंग आकर, उर्मिला ने अपने बेटे के साथ मिलकर मोहन की भी हत्या कर दी और उसके शव को कलियासोत नदी के पास फेंक दिया।
पुलिस ने सेप्टिक टैंक की खुदाई कर उसके पति रंजीत का कंकाल बाहर निकाला, जिसकी DNA जांच में पता चल गया कि यह उर्मिला के पति का ही कंकाल था। भोपाल की अदालत ने इस सबूत के आधार पर 2023 में उर्मिला को उम्रकैद की सजा सुनाई। इस तरह टीआई चंद्रकांत पटेल ने अपनी साइकोलॉजिकल समझ से इस डबल मर्डर केस को सुलझाया।
2020 में कोविड के दौरान ही टीआई चंद्रकांत पटेल ने भोपाल के शाहपुरा थाने में एक अंधी बैंक मैनेजर के साथ रेप केस को भी बड़ी सूझबूझ से सुलझाया। आरोपी ने महिला का मोबाइल चोरी कर लिया था। लेकिन उसने गलती से महिला की सिम अपने फोन में डाली थी, जिससे उसे ट्रेस किया गया। इस केस में महिला ने आरोपी की आवाज सुनकर पहचान की, जिससे उसे सजा दिलवाई जा सकी।
2020 में महिलाओं पर झूठी एफआईआर का आरोप और 2023 में लाइन अटैचमेंट जैसी घटनाएं टीआई चंद्रकांत पटेल के करियर में विवाद का हिस्सा बनीं। लेकिन अपने उल्लेखनीय कौशल के चलते उन्होंने इन चुनौतियों को पार कर लिया।
पुलिस बलों में उत्कृष्टता के लिए गृह मंत्रालय ने टीआई चंद्रकांत पटेल को केंद्रीय गृहमंत्री दक्षता पदक से सम्मानित किया है। उन्हें रुस्तमजी अवार्ड से भी सम्मानित किया जा चुका है।
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