
ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर से दर्दनाक खबर सामने आई है। जहां एक तीन मंजिला मकान में आग लगने से पिता और दो बेटियां जिंदा जलकर खाक हो गए। आग इतनी विकराल थी कि उसे बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड की 13 गाड़ियां पहुंची। तब कहीं जाकर बड़ी मश्क्कत के बाद उस पर काबू पाया जा सके।
नींद में ही बाप और दो बेटियां बन गए कंकाल
दरअसल, यह दिल दहला देने वाला हादसा ग्वालियर के बहोड़ापुर थाना इलाके के कैलाशनगर में गुरूवार देर रात में हुआ। जहां विजय उर्फ बंटी अग्रवाल की तीन मंजिल बिल्डिंग के ग्राउंड फ्लोर पर अपने परिवार के साथ रहते थे। सभी लोग गहरी नींद में सोए हुए थे। इस दौरान करीब 11 बजे के बाद मकान से तेज लपटें उठती देख आस-पड़ोस के लोगों चीख-पुकार लगाई और फायर ब्रिगेड-पुलिस को सूचना दी। लेकिन तब तक विजय, उनकी दो बेटियां अंशिका उर्फ मिनी (15) और यशिका उर्फ यीशू (14) की जलकर मौत हो चुकी थी।
मकान में बाहर निकलने का रास्ता एक था, दरबाजे पर थीं लपटें
बता दें कि जिस घर में आग लगी उसमें बाहर निकले का रास्ता नीचे से एक ही था। लेकिन दरबाजे पर भीषण आग थी, जिसकी वजह से विजय और उनकी बेटियां बाहर नहीं निकल पाईं। आग ने भी कम समय में इतना विकराल रूप धारण कर लिया किया कि फायर ब्रिगेड आने तक वह जलकर कंकाल बन चुके थे। बता दें कि इसी मकान में श्री हरि कृपा नाम से ड्राय फ्रूट्स की शॉप और सेकंड फ्लोर पर गोदाम है।
पड़ोसी बोले-बच सकते थे तीनों...लेकिन यह रही वजह
पड़ोस में रहने वाले शैलू चौहान ने बताया विजय ने कुछ महीने पहले ही ड्राय फ्रूट्स का कारोबार शुरू किया था। मकान में ही दुकान और गोदाम था। आग इतनी भयानक थी कि विजय और उनकी बेटियां बाहर नहीं आ सके। वहीं अगर टाइम पर फायर ब्रिगेड की गाड़ियां आ जाती तो शायद बच जाते।
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