
भोपाल। मध्य प्रदेश में अनुसूचित जाति-जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ (AJJAKS) के प्रदेश अध्यक्ष और सीनियर IAS अधिकारी संतोष वर्मा की भोपाल में एक इवेंट में की गई टिप्पणी का वीडियो वायरल होने के बाद कड़ी आलोचना हो रही है। इस पर पुलिस केस और डिसिप्लिनरी एक्शन की मांग उठ रही है। आर्थिक आधार पर रिजर्वेशन दिया जाना चाहिए या नहीं, इस पर बोलते हुए उन्होंने कहा, "जब तक कोई ब्राह्मण अपनी बेटी मेरे बेटे को दान नहीं करता या उससे रिश्ता नहीं रखता, तब तक रिजर्वेशन जारी रहना चाहिए।"
ऑल इंडिया ब्राह्मण समाज के प्रदेश अध्यक्ष पुष्पेंद्र मिश्रा ने वर्मा के बयान की निंदा करते हुए इसे “अभद्र” और “जातिवादी” बताया। मिश्रा ने आरोप लगाया कि यह बयान ब्राह्मण बेटियों का अपमान करने के साथ ही ऑल इंडिया सर्विसेज कंडक्ट रूल्स का उल्लंघन करता है। X पर एक पोस्ट में मिश्रा ने कहा, “ब्राह्मण बेटियों के खिलाफ किए गए कमेंट्स के लिए तुरंत FIR दर्ज होनी चाहिए। IAS अधिकारी की टिप्पणी अभद्र, आपत्तिजनक और ब्राह्मण समुदाय का अपमान करनेवाली है। अगर जल्द ही क्रिमिनल केस दर्ज नहीं किया गया तो ब्राह्मण समाज पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन करेगा।”
पुष्पेंद्र मिश्रा ने कहा कि ऐसे समय में ये कमेंट्स गलत है, जब लाडली लक्ष्मी, लाडली बहना और बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ जैसी स्कीम्स लड़कियों की इज्जत और भलाई पर फोकस करती हैं। मिश्रा ने चेतावनी देते हुए कहा कि अगर सरकार एक्शन नहीं लेती है तो सड़कों पर आंदोलन किया जाएगा।
बढ़ते विवाद के बीच, IAS वर्मा ने अपने बयान पर सफाई जारी करते हुए कहा, “मेरा मकसद राजनीतिक हंगामा खड़ा करना नहीं था। मैंने कहा था कि अगर मैं आर्थिक रूप से इंडिपेंडेंट हूं और अब सामाजिक रूप से पिछड़ा नहीं हूं, तो मेरे बच्चों को समाज से 'रोटी-बेटी' जैसा बर्ताव मिलना चाहिए। मेरे मन में किसी भी समुदाय के लिए कोई बुरी भावना नहीं है। मैं महिलाओं की भावनाओं को ठेस नहीं पहुंचाना चाहता था। अगर मैंने किसी को ठेस पहुंचाई है तो मैं माफी मांगता हूं। लेकिन कुछ लोगों ने मेरी कही बातों का सिर्फ एक हिस्सा ही फैलाया।”
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