इंटरनेशनल सेक्स वर्कर्स डे: मध्य प्रदेश का रायसेन जिला और सूखा गांव के सेक्स वर्करों की कहानी
international sex workers day 2023: आज इंटरनेशनल सेक्स वर्कर्स डे है, इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं मध्य प्रदेश के एक ऐसे गांव की कहानी, जहां महिलाएं अपने परिवार के सामने पराए मर्दों के साथ शारीरिक सबंध बनाती हैं।
रायसेन (मध्य प्रदेश). आज हम डिजिटल इंडिया में जी रहे हैं, लेकिन आज भी ज्यादातर परिवार सेक्स जैसे विषय पर खुलकर बात नहीं करते हैं। अगर टीवी में किसी फिल्म की कोई अश्लील क्लिप चल जाती है तो घर के बड़े इधर-उधर देखने लगते हैं। आज इंटरनेशनल सेक्स वर्कर्स डे है। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं मध्य प्रदेश के एक ऐसे गांव के बारे में जहां बेटियां अपने परिवार के सामने पराए मर्दों के साथ शारीरिक सबंध बनाती हैं। हालांकि अब इस गांव की तस्वीर बदल रही है। बच्चियां स्कूल जाने लगी हैं। आइए जानते हैं इस गांव की रिपोर्ट...
भोपाल से 50 किलोमीटर दूर है यह गांव
दरअसल, यह गांव रायसेन जिले में आता है, जिसका नाम सूखा गांव हैं। जिला मुख्यालय से इसकी दूसरी मजह 7 से 8 किलोमीटर है। वहीं राजधानी भोपाल से यह महज 50 किलोमीटर दूर है। यहां अधिकतर बेड़िया जनजाति के लोग रहते हैं। पुरुष जहां छोटी-मोटी खेती या फिर मजदूरी करते हैं। वहीं यहां कि महिलाएं पीढ़ियों से सेक्स वर्क कर रही हैं। गांव में 100-150 घर हैं, जिसकी आबादी एक हजार के आसपास है।
गांव में युवक शराब के नशे में डूबे रहते हैं…
बता दें कि जैसे ही आप इस गांव में एंट्री करेंगे तो यहां पर आपको बड़ी आसानी से दलाल मिला जाएंगे। जो आपको इशारा देकर भांप लेते हैं और वह सेक्स वर्कर आपको ले जाते हैं। वहीं इस गांव में सड़क पर ऐसे युवक घूमते मिलेंगे जो पूरा दिन शराब के नशे में डूबे रहते हैं। हैरानी की बात यह है कि इसके बारे में पुलिस-प्रशासन को जानकरी भी रहती है। लेकिन आज तक यह काम जारी है।
इस उम्र के बाद सेक्स वर्कर का काम छोड़ देती हैं महिलाएं
बताया जाता है कि सूखा गांव की महिलाएं जब तक वह यंग होती हैं यानि 40 साल तक की उम्र तक सेक्स वर्कर का काम करती हैं। इसके बाद उम्र निकल जाने के बाद यहां की महिलाएं मजदूरी या खेती का काम करने लगती हैं। हलांकि इस गांव में कई और भी समाज के लोग निवास करते हैं, जिनका काम खेती करना है या छोटे-मोटे व्यापार करते हैं।
परिवार के सामने महिलाएं पराए मर्दों से बनाती हैं संबंध
इन सेक्स वर्कर के बारे में हैरानी की बात यह है कि यह बेटियां या महिलाएं अपने परिवार के सामने ही दूसरे मर्दों के साथ सबंध बनाती हैं। इतना ही नहीं महिला लेडीज तो कमरे का दरवाजा भी नहीं लगाती, उल्टा परिवार के सदस्य चौखट के बाहर पहरेदार की तरह बैठे रहते हैं।
पेट पालने के लिए यह गंदा काम करती हैं सेक्स वर्कर
वहीं इस गांव की बुजुर्ग महिलाओं का कहना है कि वह अपनी बेड़िया जनजाति समाज की परंपरा और परिवार की आर्थिक हालत के कारण ऐसा करन के लिए मजबूर हैं। परिवार की बेटियां ही यह काम करती हैं, यानि बहू से परिवार के लोग सेक्स वर्कर का काम नहीं करवाते। यूं कहें तो शादी के बाद यह महिलाए यह काम छोड़ देती हैं। इनकी अक्कर इनके ही समाज में शादी-विवाह होता है।