Weather Alert: फिर चल सकती हैं उज्जैन के 'महाकाल लोक कॉरिडोर' में 6 सप्तऋषियों की मूर्तियां गिराने वालीं खतरनाक तेज हवाएं
चौंकाने वालीं ये तस्वीरें मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर कैम्पस में बने महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियों के तेज हवा में गिर जाने के बाद की हैं। मौसम विभाग ने फिर तेज हवाओं व बारिश का अलर्ट दिया है।
Amitabh Budholiya | Published : May 29, 2023 1:29 AM IST / Updated: May 29 2023, 08:32 AM IST
उज्जैन. चौंकाने वालीं ये तस्वीरें मध्य प्रदेश के उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर कैम्पस में बने महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थापित सप्तऋषियों की 7 में से 6 मूर्तियों के तेज हवा में गिर जाने के बाद की हैं। 28 मई को आंधी के कारण ये मूर्तियां गिरकर टूट गईं। इस बीच भारत मौसम विभाग(IMD) ने फिर चेतावनी दी है कि पश्चिमी मध्य प्रदेश के अलावा राजस्थान में छिटपुट हल्की से मध्यम बारिश के साथ-साथ ओलावृष्टि और धूल भरी आंधी चल सकती है। प्रशासन का कहना है कि तेज हवाओं ने उज्जैन जिले में दो लोगों की जान भी ले ली। मौसम विभाग ने पहले ही 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चलने का पूर्वानुमान लगाया था। जानिए कैसे गिरी ये मूर्तियां...
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल अक्टूबर में महाकाल लोक कॉरिडोर प्रोजेक्ट के पहले फेज का उद्घाटन किया था। रविवार शाम करीब 4 बजे हुई इस घटना के बाद कॉरिडोर कुछ घंटों के लिए बंद रखना पड़ा। इस घटना को लेकर राजनीति गर्मा गई है। कांग्रेस ने प्रोजेक्ट में भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है।
उज्जैन कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के अनुसार, महाकाल लोक कॉरिडोर में कुल 160 मूर्तियां स्थापित हैं। इनमें से 'सप्तऋषियों' (सात ऋषियों) की छह मूर्तियां थीं, जो लगभग 10 फीट ऊंची थीं।"
घटना के तुरंत बाद कॉरिडोर को बंद करना पड़ा। हालांकि शाम 7 बजे फिर से खोला गया। कलेक्टर ने कहा कि ये क्षतिग्रस्त मूर्तियां महाकालेश्वर मंदिर के अंदर नहीं बल्कि इसके चारों ओर विकसित महाकाल लोक कॉरिडोर में स्थित थीं। कॉरिडोर लगभग एक किमी में फैला हुआ है।
गुजरात की कंपनियां मूर्तियां बनाने और कॉरिडोर बनाने के काम में लगी हैं। महाकाल लोक प्रोजेक्ट की कुल लागत 856 करोड़ रुपये है। इसमें पहले फेज की लागत 351 करोड़ रुपए है। इस कॉरिडोर को देश में सबसे लंबा कहा जाता है। देश के 12 'ज्योतिर्लिंगों' में से एक महाकालेश्वर मंदिर के आसपास रिडेवलमेंट प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में पुनर्जीवित किया गया है।
900 मीटर से अधिक लंबाई वाले इस कॉरिडोर में जटिल नक्काशीदार सैंडस्टोन से बने लगभग 108 खूबसूरत अलंकृत स्तंभ हैं। ये आनंद तांडव स्वरूप (भगवान शिव के नृत्य का एक रूप), भगवान शिव और देवी शक्ति की 200 मूर्तियों और भित्ति चित्रों को दर्शाते हैं।