
Khandwa Collector News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में आयोजित जनसुनवाई उस वक्त चर्चा का विषय बन गई, जब एक नेत्रहीन भिखारी ने अपनी अजीबोगरीब समस्या लेकर कलेक्टर के सामने गुहार लगाई। मामला किसी सड़क या राशन कार्ड का नहीं, बल्कि दो पत्नियों के झगड़े का था। लेकिन ये झगड़ा आम नहीं-इस झगड़े ने सीधे उसकी रोज़मर्रा की 'कमाई' यानी भीख पर असर डाल दिया है।
जनसुनवाई के दौरान जब बारी आई तो मंच पर एक नेत्रहीन व्यक्ति पहुंचा। उसने कहा कि वह भीख मांगकर गुजारा करता है, लेकिन उसकी दोनों पत्नियां आए दिन झगड़ती हैं। इस झगड़े का असर उसकी कमाई पर पड़ रहा है, क्योंकि कोई एक पत्नी उसे साथ नहीं रहने देती, जिससे उसका ठिकाना और रोज़ की रूटीन भी खराब हो गई है। उसने साफ कहा “मैं दोनों को साथ रखना चाहता हूँ, ताकि शांति से भीख मांग सकूं।”
कलेक्टर आशुतोष खरे इस अनोखी शिकायत को सुनकर खुद कुछ पल के लिए चौंक गए। उन्होंने तुरंत महिला एवं बाल विकास विभाग को मामले की जांच सौंप दी। अब दोनों महिलाओं से बात की जाएगी कि वे साथ रहना चाहती हैं या नहीं, और क्या दोनों कानूनी रूप से इस व्यक्ति की पत्नियां हैं।
नेत्रहीन युवक का कहना है कि वह दोनों पत्नियों को बराबर प्यार करता है और उनमें से किसी को छोड़ना नहीं चाहता। लेकिन सवाल यह उठता है – क्या यह 'ट्रायंगल' रिश्ते सामाजिक और कानूनी दायरे में फिट बैठते हैं? और अगर नहीं, तो प्रशासन इसका समाधान कैसे करेगा?
यह मामला सिर्फ एक जनसुनवाई की घटना नहीं, बल्कि समाज के उस पहलू को सामने लाता है जहाँ हाशिये पर खड़े लोगों की जिंदगी भी उतनी ही जटिल और भावनात्मक होती है। नेत्रहीन व्यक्ति की यह फरियाद प्रशासन के लिए भी चुनौती है और समाज के लिए भी एक आइना।
इस जनसुनवाई का वीडियो तेजी से वायरल हो गया है। यूजर्स इस मामले को लेकर तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। कोई इसे सिस्टम की असली तस्वीर कह रहा है तो कोई इसे ‘रियल लाइफ का ड्रामा’ बता रहा है। लेकिन सबसे बड़ा सवाल यही बना है-क्या वाकई दो पत्नियों को साथ रखकर भीख मांगना हल है? या ये कहानी कुछ और कह रही है?
मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।