कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की सोमवार को जबलपुर में एक रैली से शुरुआत की। हालांकि यहां वे एक कंट्रोवर्सी में फंस गईं।
जबलपुर. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने मध्य प्रदेश में साल के अंत में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के प्रचार अभियान की सोमवार को जबलपुर में एक रैली से शुरुआत की। हालांकि यहां वे एक कंट्रोवर्सी में फंस गईं। उनके स्वागत के लिए लगाए तिरंगे झंडों के जमीन पर पड़े रहने का मामला तूल पकड़ गया है। भाजपा ने इसे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगा का अपमान बताया है।
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव-2023, जबलपुर में प्रियंका की रैली और विवाद
तिरंगे के जमीन पर पड़े रहने के मामले में बीजेपी के प्रवक्ता राजपाल सिंह सिसोदिया प्रियंका वाड्रा और कांग्रेस पर निशाना साधा है। उन्होंने आरोप लगाया कि नकली गांधी के समर्थन के लिए इस तरह से देश के झंडे का अपमान हो रहा है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस के कार्यक्रम में जिस तरह से राष्ट्रीय ध्वज का अपमान हुआ है, यह हर देशभक्त, राष्ट्र भक्त के मन को विचलित करने वाला है।
भाजपा ने महात्मा गांधी का हवाला देकर कहा कि महात्मा गांधी के साथ कई देश भक्तों ने आजादी के लिए अपना सबकुछ न्यौछावर कर दिया, आज उसी तिरंगे का अपमान नकली गांधी के समर्थन में मध्यप्रदेश कांग्रेस के कार्यक्रम में देखने को मिला।
भाजपा के प्रदेश मीडिया प्रभारी आशीष अग्रवाल ने एक tweet करके लिखा-शर्मनाक! भाई विदेश जाकर राष्ट्रीय हितों को ताक पर रखता है और बहन की सभा में तिरंगा धरती पर पड़ा मिलता है। स्पष्ट है कि इन्हें राष्ट्र से कोई मतलब नहीं है, परिवारवाद और पार्टीवाद इनका अंतिम एजेंडा है। चुनावी रंग में रंगे कांग्रेसियों कम से कम देश के ध्वज का मजाक तो मत बनाओ...।
प्रियंका गांधी ने जबलपुर में शिवराज पर साधा निशाना
उधर, रैली में प्रियंका गांधी ने शिवराज सिंह चौहान सरकार पर भ्रष्टाचार में लिप्त होने और सरकार को नौकरियां उपलब्ध कराने में विफल रहने का आरोप लगाया। उन्होंने व्यापमं और राशन वितरण में कथित भ्रष्टाचार का हवाला दिया और कहा कि राज्य में भारतीय जनता पार्टी के 220 महीनों के शासन में 225 घोटाले हुए हैं। प्रियंका गांधी ने कहा, “पिछले तीन वर्षों में, भाजपा सरकार द्वारा राज्य में केवल 21 सरकारी नौकरियां प्रदान की गईं। जब यह आंकड़ा मेरे संज्ञान में लाया गया, तो मैंने इसे अपने कार्यालय से तीन बार जांचा और पाया कि यह एक तथ्य है।”
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