
मध्यप्रदेश श्रम विभाग' ने एक सार्थक पहल की है। जिससे कंस्ट्रक्शन साइट्स पर काम करने वाले मजदूरों और उनके परिवार के जीवन व बच्चों के भविष्य को बेहतर बनेगा। साथ ही उन्हें आसानी से अपने अधिकारो के बारे में जानकारी मिल सकेगी। इसके लिए सरल भाषा में बनीं शॉर्ट्स रील और विडियोज का अधिकाधिक प्रयोग होगा, ताकि अशिक्षित या कम पढ़े-लिखे श्रमिक भी सरलता से अपने अधिकारों को समझ सकें। इसमें AI का भी प्रयोग होगा, ताकि श्रमिकों को उनसे जुड़ी हर जानकारी प्रभावी तरीके से पहुंचाई जा सके।
Instagram: @mpbocw • Facebook: @mpbocw • X (Twitter): @mpbocw • YouTube:@MPBOCW से जुड़कर अपने अधिकारों और सामाजिक जीवन बेहतर बनाने की दिशा में की गई इस पहल का लाभ उठा सकते हैं। साथ ही ठेकेदार और अन्य लोग भी इससे जुड़ सकेंगे।
अब मंडल की सभी महत्वपूर्ण जानकारी, योजनाओं के लाभ, पंजीकरण प्रक्रिया और मजदूर सहायता से जुड़े अपडेट सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी उपलब्ध कराए जाएंगे।
मंडल का लक्ष्य प्रदेश के सभी निर्माण श्रमिकों तक योजनाओं और लाभों की जानकारी बिना देरी और बिना किसी मध्यस्थ के पहुंचाना है। यह सोशल मीडिया के माध्यम से मंडल पारदर्शिता और सुलभता बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
मंडल के सभी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर प्रदेश सरकार के श्रमिक कानूनों के साथ ही पिछले दिनों केंद्र सरकार द्वारा लागू नए लेबर कोड(श्रमिक संहिता) पर भी फोकस किया गया है।
यह पहल मध्य प्रदेश सरकार के श्रम मंत्री प्रहलाद पटेल ने शुरू की है। पटेल के अनुसार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के माध्यम प्रदेश एवं दूसरे राज्यों में काम करने वाले सभी श्रमिकों के अधिकारों की रक्षा और उन्हें जागरूक करने के प्रति यह प्रयास लाभकारी साबित होगा।
मंत्री पटेल ने कहा-'निर्माण श्रमिक हमारे विकास की मजबूत नींव हैं। उनके हितों और कल्याण के लिए समय पर सही जानकारी उपलब्ध कराना हमारी जिम्मेदारी है। सोशल मीडिया के माध्यम से यह जुड़ाव और भी आसान और तेज होगा। मैं सभी श्रमिक भाइयों-बहनों से अपील करता हूं कि @mpbocw को फ़ॉलो करें और योजनाओं का पूरा लाभ लें।”
मंडल ने मध्यप्रदेश के सभी निर्माण श्रमिकों, ठेकेदारों और संबंधित हितधारकों से अनुरोध है कि आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल @mpbocw को फ़ॉलो करें और केवल विश्वसनीय स्रोतों से ही जानकारी प्राप्त करें। मंडल ने यह भी आग्रह किया है कि किसी भी अफवाह या गैर-आधिकारिक सूचना पर भरोसा न करें।
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