
Madhya Pradesh Emergency Helpline : मध्यप्रदेश में अपराधियों के लिए अब बच निकलना आसान नहीं होगा। 14 अगस्त को मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने मध्यप्रदेश पुलिस की नई इमरजेंसी सर्विस ‘डायल-112’ का शुभारंभ किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि समाज की व्यवस्था बनाए रखने में पुलिस की अहम भूमिका है और डायल-112 इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
सीएम ने बताया कि डायल-100 के मॉडल को उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों ने अपनाया है। डायल-100 ने अब तक 2 लाख 23 हजार बुजुर्गों, 19 लाख से अधिक महिलाओं, 1300 नवजात शिशुओं और 23 हजार से अधिक गुमशुदा बच्चों की मदद की है। यह मध्यप्रदेश पुलिस की बड़ी उपलब्धि है।
पुलिस डायल-112 सेवा अत्याधुनिक तकनीक और उपकरणों से लैस है। एफआरवी (फर्स्ट रेस्पॉन्स व्हीकल) को अपडेट किया गया है और पुलिस कंट्रोल रूम को आधुनिक बनाया गया है। राज्य सरकार ने पुलिस वाहनों के लिए बजट बढ़ाकर 1500 करोड़ रुपये से अधिक कर दिया है। अब पुलिस वीडियो कॉल और इंटरनेट के माध्यम से भी आरोपियों को समन भेज रही है।
सीएम ने कहा कि अवैध गतिविधियों में शामिल आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस को पूरी छूट दी गई है। नई नियुक्तियां की गई हैं, जवानों को आधुनिक प्रशिक्षण दिया जा रहा है और उनकी कार्यकुशलता बढ़ाई जा रही है। भोपाल के प्रमुख रास्तों पर ऐतिहासिक द्वार बनाए जा रहे हैं, ताकि पुलिसकर्मी हर मौसम में आसानी से ड्यूटी कर सकें।
सीएम ने कहा कि 14 अगस्त का दिन हमें भारत विभाजन की विभीषिका की याद दिलाता है। उस कठिन समय में पुलिस और सुरक्षाबलों ने अपनी जिम्मेदारी निभाई थी। आज भारत की सेना इतनी सक्षम है कि दुश्मन देशों के भीतर घुसकर कार्रवाई कर सकती है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश का गौरव लगातार बढ़ रहा है।
डायल-112 के जरिए हर तरह की सहायता पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने बताया कि 2015 में मध्यप्रदेश स्थापना दिवस पर डायल-100 शुरू की गई थी, जिससे लाखों नागरिकों की मदद हुई। अब डायल-112 के तहत 200 नए वाहन जोड़े गए हैं, जिससे कुल एफआरवी की संख्या 1200 हो गई है। इनमें स्कॉर्पियो और बुलेरो नियो जैसी गाड़ियां शामिल हैं। डायल-112 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप एक इंटीग्रेटेड हेल्पलाइन के रूप में विकसित किया गया है, जिससे नागरिकों को किसी भी आपात स्थिति में तुरंत मदद मिलेगी।
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