MP के सतपुड़ा भवन में आग: एक शॉर्ट सर्किट और फिर 30 AC कम्प्रेशर बम की तरह फटते चले गए, क्यों फेल हुआ फायर सिस्टम?

भोपाल के सतपुड़ा भवन में सोमवार(12 जून) को लगी भीषण आग पर कई घंटों के प्रयास के बाद काबू पा लिया गया, लेकिन अंदर 13 जून की सुबह तक धुएं के गुबार उठते रहे। हैं। इस बिल्डिंग में मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के कार्यालय हैं।

Contributor Asianet | Published : Jun 13, 2023 1:01 AM IST / Updated: Jun 13 2023, 11:15 AM IST

भोपाल. भोपाल के सतपुड़ा भवन में सोमवार(12 जून) को लगी भीषण आग पर कई घंटों के प्रयास के बाद काबू पा लिया गया, लेकिन अंदर 13 जून की सुबह तक धुएं के गुबार उठते रहे। इस बिल्डिंग में मध्य प्रदेश सरकार के विभिन्न विभागों के कार्यालय हैं। पुलिस कमिश्नर ने कहा कि आग में किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है, क्योंकि आग फैलने से पहले लोगों को सुरक्षित निकाल लिया गया था। 

हालांकि इस आग ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं। जनजातीय कार्य और स्वास्थ्य विभाग के दफ्तर सहित अन्य विभागों में लगी इस आग में 25 करोड़ का फर्नीचर जलने की आशंका है। वहीं, कई महत्वपूर्ण दस्तावेज अलग से जल गए। बताया जाता कि इमारत में पहले भी आग लग चुकी है, जिसमें 2018 में एक आग भी शामिल है।

सतपुड़ा भवन में सोमवार शाम 4 बजे लगी आग मंगलवार सुबह 9.25 बजे फिर भड़क उठी थी। यहां 6वें फ्लोर के एसी डक से आग की लपटें उठते देखी गईं। इस बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के निर्देश पर गठित अफसरों की टीम जांच करने सतपुड़ा भवन पहुंची। जांच दल के सदस्य ACS होम राजेश राजौरा ने कहा कि अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी। आग पर काबू पा लिया गया है।

कैसे लगी मध्य प्रदेश के सतपुड़ा भवन में भीषण आग, होगी जांच

सोमवार देर रात भोपाल के पुलिस कमिश्नर हरिनारायण चारी ने कहा कि"आग पर काबू पा लिया गया है, लेकिन जगह-जगह धुएं का गुबार है, टीमें काम कर रही हैं। शुरुआती तौर पर आग लगने का कारण शार्ट सर्किट होना सामने आया है, लेकिन इसकी जांच के लिए विशेषज्ञों की टीम गठित कर दी गई है। कलेक्टर भोपाल आशीष सिंह ने कहा कि आग पर काबू पाने फायर ब्रिगेड, सेना और सीआईएसएफ सहित सभी उपलब्ध संसाधनों को जुटाना पड़ा। स्थिति नियंत्रण में है।

सतपुड़ा भवन आग- फायर सिस्टम फेल

बता दें कि सतपुड़ा भवन में छह फ्लोर हैं। यहां नेशनल इंफार्मेशन सिस्टम (एनआइसी), जनजातीय कार्य विभाग, स्वास्थ्य, वन समेत कई विभाग संचालित होते हैं। करीब एक हजार से अधिक कर्मचारी इनमें काम करते हैं। स्वास्थ्य विभाग ने पिछले दिनों ही अपने दफ्तर में 10 करोड़ रुपये खर्च करके फर्नीचर बनवाया था। वो सब नष्ट हो गया।

इतने महत्वपूर्ण भवन में फायर अलार्म सिस्टम काम नहीं कर रहा था। हैरानी की बात यह है कि निगम के अधिकारियों ने बताया कि रखरखाव एजेंसी ने इसका फायर आडिट भी नहीं कराया है।

सरकार का मानना है कि आग शॉर्ट सर्किट से लगी। इसके बाद एसी के कंप्रेसर में ब्लास्ट होने से यह तेजी से फैलती गई। 30 से ज्यादा एसी कंप्रेसर में ब्लास्ट होने की आशंका है। मुख्यमंत्री ने आग लगने के कारणों की जांच के लिए 4 सदस्यीय कमेटी बनाई है। गृह मंत्री नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी और चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग तक घटनास्थल पर पहुंचे।

सतपुड़ा भवन में आग, कांग्रेस ने उठाए सवाल

आग इतनी भीषण थी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और गृह मंत्री अमित शाह से मदद मांगनी पड़ी।

आशंका है कि आग में चौथी मंजिल पर स्थित हेल्थ डिपार्टमेंट के अलावा EOW और लोकायुक्त में कर्मचारियों-अधिकारियों के खिलाफ की गई शिकायतों और जांच के दस्तावेज भी जल गए। भोपाल नगर निगम के अग्निशमन अधिकारी रमेश नील ने कहा कि आग शाम करीब चार बजे लगी थी।

कांग्रेस के नेताओं ने चुनावी वर्ष में आग लगने के समय पर सवाल उठाया है। कांग्रेस ने अपने ट्वीटल हैंडल @INCIndia पर लिखा कि घोटालों के सबूत नष्ट करने की साजिश थी।…और मध्य प्रदेश में सरकारी फाइलें जलने लगीं। चुनाव से पहले शुरू हुई यह आग बताती है कि बीजेपी सरकार को जाने की भनक लग गई है। भ्रष्टाचार की फाइलें जलने लगी हैं।

मप्र के पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने एक और ट्वीट कर आरोप लगाया कि शिवराज सरकार के 220 महीने के शासन में 225 घोटालों के दस्तावेज जलाए गए हैं।

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