मध्य प्रदेश में मोहन यादव सरकार ने फैसला किया है कि अब से मंत्रियों का इनकम टैक्स अब प्रदेश सरकार जमा नहीं करेगी। यानि इसका भुगतान मंत्रियों की ही करना होगा। मंगलवार को कैबिनेट में यह फैसला किया गया।
भोपाल. मध्य प्रदेश में इस वक्त मंत्रियों के आयकर यानि टैक्स चुकाने की चर्चा जोरों पर है। अब मोहन यादव सरकार ने फैसला किया है कि अब से मंत्रियों का इनकम टैक्स अब प्रदेश सरकार जमा नहीं करेगी। यानि इसका भुगतान मंत्रियों की ही करना होगा। मंगलवार को सीएम मोहन यादव ने कैबिनेट में यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि इस फैसले से अब शासन का वित्तीय भार कम होगा।
मध्य प्रदेश सरकार की कैबिनेट में कई महत्वपूर्ण निर्णय
कैबिनेट मीटिंग के बाद सीएम मोहन यादव ने कहा-आज कैबिनेट बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए हैं। हमने निर्णय किया है कि हमारे मंत्रीगण इनकम टैक्स की दृष्टि से स्वयं का व्यय करेंगे, वह शासन से कोई वित्तीय सहायता नहीं लेंगे। आयकर की दृष्टि से 1972 के नियम में बदलाव हो रहा है। वहीं प्रदेश के किसी जवान के शहीद होने पर दी जाने वाली सहायता राशि में 50% शहीद की पत्नी और 50% राशि माता-पिता को दी जाएगी
मंत्रियों और संसदीय सचिवों का खर्च सरकार नहीं उठाएगी
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने मीडिया एजेंसी से बात करते हुए कहा-आज कैबिनेट में जो फैसेल हुए हैं उनका असर राज्य में दीर्घकालिक होगा। अब से मंत्री अपना आयकर खर्च खुद वहन करेंगे, सरकार नहीं करेगी। सीएम यादव ने कहा-इससे पहले तक मंत्रियों और संसदीय सचिवों तक का आयकर सरकर का खुद वहन करती थी। जिससे सरकार पर भार आता था। लेकिन हमारी कैबिनेट में 1972 का वह नियम ही बदल दिया गया। जिसमें यह भुगतान का जिक्र था।
इन राज्यों में सरकार खुद भरती है मंत्रियों का टैक्स
विशेषज्ञों का कहना है कि पूर देशभर में मंत्रियों-विधायका का इनकम टैक्स सरकार को भरने वाले नियम बदलने चाहिए। इससे मंत्री खर्च करता है और सरकार पर भार आता है। जबकि ऐसा नहीं होता है, लेकिन मध्य प्रदेश सरकार ने यह नियम बदल लिया है। लेकिन देश के 5 राज्य छत्तीसगढ़, हरियाणा, झारखंड, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में अभी भी सरकार मंत्रियों का आयकर भरती है।
यह भी पढ़ें-केंद्रीय मंत्री बनते ही शिवराज सिंह चौहान ने खोल दिया खजाना, MP को दी 150 करोड़ की सौगात