
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव इन दिनों बिहार विधानसभा चुनाव में स्टार प्रचारक के रूप में व्यस्त हैं। वे अपने सरल स्वभाव और सकारात्मक छवि से जनता के बीच गहरा प्रभाव डाल रहे हैं। इसी बीच उनकी एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो गई है। यह तस्वीर 1 नवंबर, मध्यप्रदेश स्थापना दिवस की है, जिसमें सीएम डॉ. यादव श्रीकृष्ण का रूप धरे एक बालक को गोद में लिए दिखाई दे रहे हैं। तस्वीर में मुख्यमंत्री और बालक के बीच का भावनात्मक संवाद लोगों का ध्यान खींच रहा है। इसे देखकर स्पष्ट होता है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के मन में ‘मोहन यानी श्रीकृष्ण’ बसे हैं। वे अपने हर मंच और भाषण में भगवान श्रीकृष्ण का स्मरण करते हैं और जनता से ‘जय श्रीकृष्ण’ के नारे लगवाते हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव की सार्वजनिक छवि में श्रीकृष्ण भक्ति का गहरा प्रभाव है। मुख्यमंत्री बनने के बाद से उन्होंने बार-बार श्रीकृष्ण से जुड़ी योजनाओं और स्थलों का उल्लेख किया है। उन्होंने ‘श्रीकृष्ण पाथेय न्यास’ के गठन को मंजूरी दी, ताकि भगवान श्रीकृष्ण के मध्यप्रदेश प्रवास से जुड़े स्थलों का संरक्षण और विकास हो सके।
डॉ. यादव ने बताया था कि बालक कृष्ण मथुरा से उज्जैन आए थे और महर्षि सांदीपनि आश्रम में 64 कलाओं की शिक्षा ग्रहण की थी। यह यात्रा केवल 64 दिनों की थी, लेकिन इसने मध्यप्रदेश को कृष्ण भक्ति का केंद्र बना दिया।
नवंबर 2024 में कैबिनेट ने ‘श्रीकृष्ण पाथेय न्यास’ के गठन का निर्णय लिया, जो मध्यप्रदेश लोक न्यास अधिनियम 1951 के तहत कार्य करेगा। मुख्यमंत्री कई बार कह चुके हैं- “जहां-जहां श्रीकृष्ण के चरण पड़े, वे सभी स्थल तीर्थ बनेंगे।”
डॉ. मोहन यादव ने गौसेवा को अपनी सरकार की प्राथमिकता बनाया है। उन्होंने गौशालाओं को मिलने वाला अनुदान दोगुना कर दिया — अब प्रति गाय 20 रुपये से बढ़ाकर 40 रुपये प्रतिदिन दिए जा रहे हैं। जून 2025 में आयोजित राज्य स्तरीय गौशाला सम्मेलन में सीएम ने सिंगल क्लिक से गौशालाओं को राशि ट्रांसफर की। उन्होंने घोषणा की कि पशुपालन विभाग को आगे से गौपालन विभाग के नाम से जाना जाएगा। उनका मानना है कि “गौसेवा भारतीय संस्कृति की आत्मा है।”
सीएम डॉ. मोहन यादव ने भगवद्गीता के संदेश को जन-जन तक पहुंचाने के लिए ऐतिहासिक कदम उठाए। 11 दिसंबर 2024 को गीता जयंती पर भोपाल में सामूहिक गीता पाठ का आयोजन हुआ, जिसमें 7,000 से अधिक आचार्यों और बटुकों ने एक साथ ‘कर्मयोग अध्याय’ का सस्वर पाठ किया। यह आयोजन गिनीज वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज हुआ। मुख्यमंत्री ने आचार्यों को सम्मानित किया और कहा कि गीता की शिक्षा राजनीति और जनसेवा दोनों के लिए मार्गदर्शक है।
इसके साथ उन्होंने घोषणा की कि राज्य के 413 नगरीय निकायों में गीता भवन बनाए जाएंगे। इस पर करीब 2,875 करोड़ रुपये की लागत आएगी। यह योजना धार्मिक अध्ययन, सांस्कृतिक जागरूकता, शिक्षा और पर्यटन को नई दिशा देगी।
सीएम डॉ. यादव ने ग्रामीण विकास के लिए मुख्यमंत्री वृंदावन ग्राम योजना की शुरुआत की। यह योजना भगवान श्रीकृष्ण की लीलाओं से प्रेरित वृंदावन मॉडल पर आधारित है। इसमें हर गांव को आत्मनिर्भर, पर्यावरण-अनुकूल और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध बनाया जाएगा। कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद यह योजना गौसंवर्धन, जैविक खेती, सौर ऊर्जा और ग्रामीण पर्यटन पर केंद्रित है।
मुख्यमंत्री ने राज्य के सीएम राइज स्कूलों का नाम बदलकर ‘सांदीपनि स्कूल’ रखा। यह नाम उज्जैन के महर्षि सांदीपनि आश्रम से प्रेरित है, जहां भगवान श्रीकृष्ण और बलराम ने शिक्षा प्राप्त की थी। ‘सांदीपनि स्कूल’ पहल का उद्देश्य भारतीय ज्ञान प्रणाली को आधुनिक शिक्षा से जोड़ना है। इससे न केवल शिक्षा का स्तर ऊंचा होगा बल्कि धार्मिक पर्यटन और सांस्कृतिक जागरूकता भी बढ़ेगी।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कृष्ण जन्माष्टमी और गोवर्धन पूजा को राज्य स्तरीय त्योहारों के रूप में मनाने का फैसला किया। दीवाली के बाद पूरे प्रदेश में गोवर्धन पूजा को राजकीय अवकाश के रूप में मनाया गया। भोपाल के रवींद्र भवन में भव्य आयोजन हुआ, और मुख्यमंत्री निवास की गौशाला में गोपूजन किया गया।
सीएम ने कहा कि गोवर्धन पूजा भारतीय संस्कृति का प्रतीक है और इससे गौ-प्रेम को बल मिलेगा। वे हर अवसर पर कहते हैं- “जहां गाय, वहां गोकुल; जो गाय की सेवा करे, वही गोपाल।” उनका यह संदेश उनके श्रीकृष्ण प्रेम को स्पष्ट करता है। वे कहते हैं- “अयोध्या में श्रीराम मुस्कुरा रहे हैं, अब मथुरा में श्रीकृष्ण मुस्कुराएंगे।”
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