मोहासा-बाबई: मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश का उभरता ग्रीन एनर्जी औद्योगिक हब

Published : Oct 20, 2025, 08:44 AM IST
mohasa babai green energy industrial hub mohan yadav

सार

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की औद्योगिक नीति से नर्मदापुरम का मोहासा-बाबई क्षेत्र ग्रीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग हब बन रहा है। हजारों करोड़ निवेश, हजारों रोजगार और हरित विकास से मध्यप्रदेश उद्योग जगत में नई पहचान बना रहा है।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में मध्यप्रदेश की औद्योगिक नीति अब सिर्फ दस्तावेजों तक सीमित नहीं रही है। यह नीति अब प्रदेश की धरती पर औद्योगिक परिवर्तन की मजबूत नींव बन चुकी है।

नर्मदापुरम जिले का मोहासा-बाबई औद्योगिक क्षेत्र इस बदलाव का सशक्त उदाहरण है, जहां राज्य सरकार ने विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरणों के निर्माण के लिए एक आधुनिक औद्योगिक ढांचा तैयार किया है।

यह परियोजना आने वाले वर्षों में भारत के ग्रीन इंडस्ट्रियल ट्रांजिशन की दिशा तय करेगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव का फोकस केवल निवेश तक सीमित नहीं है, बल्कि वे तकनीकी आत्मनिर्भरता, रोजगार सृजन और हरित विकास को भी प्राथमिकता दे रहे हैं। यही दृष्टि मोहासा-बाबई प्रोजेक्ट को एक सामान्य औद्योगिक योजना से आगे बढ़ाकर भविष्य की औद्योगिक क्रांति का आधार बना रही है।

औद्योगिक विकास से सामाजिक-आर्थिक परिवर्तन की दिशा में कदम

मुख्यमंत्री डॉ. यादव का मानना है कि औद्योगिक विकास केवल पूंजी निवेश नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक बदलाव का माध्यम होना चाहिए। उन्होंने यह सुनिश्चित किया है कि उद्योग केवल शहरों तक सीमित न रहें, बल्कि जिला और विकासखंड स्तर तक उनका विस्तार हो। इससे स्थानीय युवाओं को अपने ही क्षेत्र में रोजगार और उद्यम के अवसर मिल रहे हैं।

यह विजन “विकास का विकेन्द्रीकरण” का उदाहरण है, जिसमें स्थानीय संसाधन, कौशल विकास और पर्यावरण संरक्षण तीनों को समान महत्व दिया जा रहा है।

मोहासा-बाबई: हरित ऊर्जा निर्माण का हब बन रहा है मध्यप्रदेश

राज्य सरकार ने नर्मदापुरम जिले के मोहासा-बाबई औद्योगिक क्षेत्र को ग्रीन फील्ड मैन्युफैक्चरिंग जोन फॉर पावर एंड रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट के रूप में विकसित किया है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव के संकल्प और औद्योगिक नीति एवं निवेश प्रोत्साहन विभाग के सुविचारित कदमों से यह परियोजना राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना चुकी है। यहां निवेश आकर्षित करने और उद्योगों को आवश्यक सुविधाएं प्रदान करने के लिए सरकार ने ऐसी नीतियां लागू की हैं, जो निवेशकों के लिए अनुकूल वातावरण तैयार करती हैं।

फेज-1: 884 एकड़ में 22 औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित

मोहासा-बाबई औद्योगिक क्षेत्र के फेज-1 में कुल 884 एकड़ भूमि पर 22 औद्योगिक इकाइयाँ स्थापित की जा रही हैं। इन इकाइयों को 514.50 एकड़ भूमि आवंटित की गई है। यहां 17,750 करोड़ रुपये का निवेश और 21,777 लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है।

यू एनर्जी, लेण्डसमिल ग्रीन एनर्जी, रेज ग्रीन एनर्जी मैन्युफैक्चरिंग जैसी प्रमुख कंपनियों ने अपने भूखंडों पर निर्माण कार्य शुरू कर दिया है। फेज-1 की सफलता ने राज्य सरकार को अगले चरण के विकास- फेज-2की दिशा में आगे बढ़ने का मजबूत आधार दिया है।

फेज-2: 551 एकड़ भूमि पर 9 इकाइयों को भूमि आवंटन

फेज-2 में कुल 9 औद्योगिक इकाइयों को 551 एकड़ भूमि दी गई है। इनमें से 7 इकाइयाँ विद्युत और नवीकरणीय ऊर्जा उपकरण निर्माण क्षेत्र में कार्य करेंगी और 2 इकाइयाँ औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई के अंतर्गत स्थापित होंगी।

इन इकाइयों में कुल 39,210.55 करोड़ रुपये का निवेश और 14,777 रोजगार के अवसर प्रस्तावित हैं। इनमें शामिल हैं:

  • सातविक सोलर इंडस्ट्रीज प्रा.लि.: ₹10,000 करोड़ निवेश, 2,500 रोजगार, 185 एकड़ भूमि
  • ग्रेव पीवी प्रा.लि.: ₹5,533 करोड़ निवेश, 1,320 रोजगार, 65 एकड़ भूमि
  • कॉस्मिक पीवी पावर लि.: ₹4,000 करोड़ निवेश, 1,000 रोजगार, 60 एकड़ भूमि
  • गौतम सोलर पावर प्रा.लि.: ₹4,000 करोड़ निवेश, 4,000 रोजगार, 40 एकड़ भूमि
  • ग्रेव एनर्जी प्रा.लि.: ₹3,997.85 करोड़ निवेश, 1,657 रोजगार, 64 एकड़ भूमि
  • इंटीग्रेटेड बैटरिज इंडिया प्रा.लि.: ₹3,381 करोड़ निवेश, 1,000 रोजगार, 40 एकड़ भूमि
  • एचईटीआईएच ग्रीन एनर्जी प्रा.लि.: ₹3,298.7 करोड़ निवेश, 2,050 रोजगार, 52 एकड़ भूमि

औद्योगिक क्षेत्र मोहासा-बाबई फेज-2 में -

  • ओरियाना पावर लि.: ₹4,500 करोड़ निवेश, 1,000 रोजगार, 30 एकड़ भूमि
  • एलेनबेरी इंडस्ट्रियल गैसेज लि.: ₹500 करोड़ निवेश, 250 रोजगार, 15 एकड़ भूमि निर्धारित की गई है।

निवेशकों के लिए आकर्षक रियायतें और सुविधाएं

फेज-2 के निवेशकों को राज्य सरकार द्वारा बेहद आकर्षक रियायतें दी जा रही हैं, जिनमें शामिल हैं:

  • प्रचलित भूमि मूल्य के केवल 25% प्रीमियम पर भूखंड आवंटन
  • 20 वार्षिक किश्तों में विकास शुल्क भुगतान की सुविधा
  • 100% स्टाम्प ड्यूटी और पंजीयन शुल्क की प्रतिपूर्ति
  • जल आपूर्ति मात्र ₹25 प्रति किलोलीटर की दर पर उपलब्ध कराई जा रही है।

इन सुविधाओं से मध्यप्रदेश निवेशकों के लिए भारत का सबसे आकर्षक औद्योगिक गंतव्य बनता जा रहा है।

हरित ऊर्जा उत्पादन का आदर्श मॉडल

मोहासा-बाबई परियोजना हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देने के साथ-साथ स्वच्छ और सस्टेनेबल उद्योगों का उदाहरण बन रही है। यहां स्थापित इकाइयाँ सौर ऊर्जा, बैटरी निर्माण और ऊर्जा उपकरण तैयार करेंगी, जिससे भारत की आयात निर्भरता घटेगी और प्रदेश ऊर्जा उपकरण निर्माण का केंद्र बनेगा।

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का संकल्प है कि हर औद्योगिक परियोजना विकास का नया मानक स्थापित करे और मध्यप्रदेश की औद्योगिक पहचान को राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर नई ऊँचाइयों तक पहुंचाए। मोहासा-बाबई प्रोजेक्ट आज उसी संकल्प का एक सशक्त और सफल उदाहरण बन चुका है।

यह भी पढ़ें

मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने उज्जैन में किसानों के लिए 403 करोड़ की राहत राशि जारी की, कहा- 'सरकार किसान हितैषी है'

CM मोहन यादव ने सभी SP-कलेक्टर और विधायकों के साथ की जरूरी मीटिंग, दिए साफ निर्देश

PREV

मध्य प्रदेश में सरकारी नीतियों, योजनाओं, शिक्षा-रोजगार, मौसम और क्षेत्रीय घटनाओं की अपडेट्स जानें। भोपाल, इंदौर, ग्वालियर सहित पूरे राज्य की रिपोर्टिंग के लिए MP News in Hindi सेक्शन पढ़ें — सबसे भरोसेमंद राज्य समाचार सिर्फ Asianet News Hindi पर।

Read more Articles on

Recommended Stories

गर्लफ्रेंड के घरवाले शादी को नहीं माने तो टावर पर चढ़ा आशिक-देखें हाई वोल्टेज ड्रामे का वीडियो
कूनो में फिर गूंजा चीता मिशन: सीएम डॉ. यादव ने छोड़े 3 चीते, बोले– ये हमारे लिए कोहिनूर