MP कैबिनेट के 6 बड़े फैसले: किसानों को 90% सब्सिडी पर 7.5 HP सोलर पंप, 33 हजार बच्चों को ₹4000 मासिक मदद

Published : Nov 18, 2025, 08:14 PM IST
MP Cabinet CM Mohan Yadav decisions

सार

MP कैबिनेट ने कृषक मित्र सूर्य योजना में बदलाव कर किसानों को 90% सब्सिडी पर 7.5 HP सोलर पंप का विकल्प दिया। मिशन वात्सल्य के तहत 33 हजार बच्चों को ₹4000/माह सहायता, आयुष अस्पतालों में 373 पद और विज्ञान परिषद् के नए भर्ती नियम को मंजूरी मिली।

भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में मंगलवार को मंत्रालय में मंत्रिपरिषद की बैठक हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए गए।

प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना में बड़े संशोधन

मंत्रि-परिषद ने 'प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना' के तहत सिंचाई के लिए सोलर पंप लगाने की योजना में बदलाव को मंजूरी दी है।

बदलाव क्या है? अब किसानों को स्वीकृत सोलर पंप की क्षमता से एक क्षमता अधिक तक का पंप चुनने का विकल्प मिलेगा।

  • जिन किसानों के पास 3 एच.पी. का अस्थायी बिजली कनेक्शन है, उन्हें 5 एच.पी. का सोलर पंप लेने का विकल्प दिया जाएगा।
  • जिन किसानों के पास 5 एच.पी. का अस्थायी बिजली कनेक्शन है, उन्हें 7.5 एच.पी. का सोलर पंप लेने का विकल्प दिया जाएगा।

किसे मिलेगा लाभ? योजना के पहले चरण में उन किसानों को लाभ दिया जाएगा, जिनके पास अस्थायी बिजली कनेक्शन है या जिनके पास बिजली कनेक्शन नहीं है (अविद्युतीकृत किसान)।

सब्सिडी और अंशदान: 7.5 एच.पी. क्षमता तक का सोलर पंप लगाने के लिए, अस्थायी बिजली कनेक्शन वाले किसान को केवल 10% खर्च देना होगा, जबकि सरकार द्वारा 90% सब्सिडी दी जाएगी।

उद्देश्य: इस योजना से राज्य सरकार पर बिजली पंपों को बिजली आपूर्ति के लिए सब्सिडी का बोझ कम होगा और बिजली वितरण कंपनियों की नुकसान (हानियों) में कमी आएगी।

लागू कब से: यह योजना, जो भारत सरकार की कुसुम-बी योजना का ही रूप है, मध्य प्रदेश में 24 जनवरी 2025 से 'प्रधानमंत्री कृषक मित्र सूर्य योजना' के नाम से लागू है। इसका क्रियान्वयन मध्यप्रदेश ऊर्जा विकास निगम कर रहा है।

मिशन वात्सल्य योजना के तहत बच्चों को सहायता

मंत्रि-परिषद ने 'मिशन वात्सल्य योजना' के तहत गैर-संस्थागत सेवाओं (जैसे स्पॉन्सरशिप, फॉस्टर केयर, आफ्टर केयर) को अगले 5 वर्षों तक राज्य के सभी जिलों में चलाने की मंजूरी दी है।

  • आर्थिक सहायता: इस योजना के तहत पात्र बच्चों को 4,000 रुपये प्रति माह की आर्थिक सहायता मिलेगी।
  • आफ्टर केयर: 18 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद बाल देखभाल संस्थानों को छोड़ने वाले बच्चों को 'आफ्टर केयर' के माध्यम से रोजगार से जुड़े प्रशिक्षण से जोड़ा जाएगा, जिससे वे आर्थिक रूप से सशक्त बन सकें।
  • किन बच्चों को मिलेगा लाभ?
  1. विधवा, तलाकशुदा और परित्यक्त (छोड़ी गई) माँ के बच्चे।
  2. अनाथ और विस्तारित परिवार के साथ रह रहे बच्चे।
  3. गंभीर बीमारी से पीड़ित माता-पिता के बच्चे।
  4. ऐसे माता-पिता के बच्चे जो शारीरिक या आर्थिक रूप से बच्चे की देखभाल करने में असमर्थ हैं।
  5. किशोर न्याय अधिनियम 2015 के अनुसार देखभाल और संरक्षण की आवश्यकता वाले बच्चे (जैसे बेघर, आपदा पीड़ित, बाल श्रमिक, आदि)।
  • खर्च और लाभार्थी: इस योजना के क्रियान्वयन पर कुल 1,022 करोड़ 40 लाख रुपये खर्च होंगे (408 करोड़ 96 लाख रुपये राज्य का हिस्सा और 613 करोड़ 44 लाख रुपये केंद्र का हिस्सा)। इससे प्रदेश के 33,346 बच्चे लाभान्वित होंगे।

आयुष चिकित्सालयों में 373 नए पदों को मंजूरी

मंत्रि-परिषद ने प्रदेश के 13 जिलों में आयुष चिकित्सालयों के संचालन के लिए 373 नए पदों और 806 ऑन-कॉल मानव संसाधन सेवाओं को मंजूरी दी है।

  • चिकित्सालय कहाँ? 12 जिलों (भोपाल, इंदौर, नरसिंहपुर, मंडलेश्वर-खरगोन, बालाघाट, गुना, भिंड, सीहोर, अमरकंटक-अनूपपुर, पन्ना, श्योपुर और शुजालपुर-शाजापुर) में 50 बिस्तरों वाले आयुष चिकित्सालय और बड़वानी जिले में 30 बिस्तरों वाला चिकित्सालय।
  • पदों का विवरण: स्वीकृत 373 नियमित पदों में प्रथम श्रेणी के 52, द्वितीय श्रेणी के 91 और तृतीय श्रेणी के 230 पद शामिल हैं।
  • वित्तीय भार: इन नियमित पदों पर सालाना लगभग 25 करोड़ 57 लाख रुपये का वित्तीय खर्च आएगा।
  • मानव संसाधन सेवाएं: 806 मानव संसाधन सेवाओं का प्रबंधन भारत सरकार के राष्ट्रीय आयुष मिशन से किया जाएगा।

मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के लिए नए नियम

मंत्रि-परिषद ने मध्यप्रदेश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी परिषद् के वैज्ञानिकों/अधिकारियों और कर्मचारियों की भर्ती और सेवा शर्तों के नियम 2025 को मंजूरी दे दी है।

  • उद्देश्य: विज्ञान, तकनीकी, प्रौद्योगिकी और नवाचार के क्षेत्र में हो रहे विकास को देखते हुए परिषद की गतिविधियों के लिए उत्कृष्ट वैज्ञानिकों की सेवाएँ प्राप्त करना।
  • नए बदलाव: परिषद में गैर-वैज्ञानिक संवर्ग के लिए सेवा संरचना और भर्ती नियमों को अपनाया गया है।
  • वैज्ञानिकों के लिए: वैज्ञानिक संवर्ग के लिए भविष्य में केडर का उन्नयन किया जाएगा।
  • भर्ती पर रोक हटी: 11 मई 2015 से लगी नई भर्तियों पर रोक हटा ली गई है। यह परिषद राज्य में वैज्ञानिक और तकनीकी योजनाओं के क्रियान्वयन के लिए नोडल एजेंसी के रूप में काम करती है।

अन्य महत्वपूर्ण निर्णय

  • मेडिको लीगल संस्थान के अधिकारियों को लाभ: संस्थान के अधिकारियों को भी 1 जनवरी 2016 से लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा विभाग के संवर्ग के समान पुनरीक्षित वेतनमान (सातवां वेतनमान) का वास्तविक लाभ देने की मंजूरी दी गई है। इस पर लगभग 93 लाख रुपये का एरियर खर्च आएगा।
  • सोशल इम्पैक्ट बॉन्ड (SIB) योजना में संशोधन: योजना में संशोधन को मंजूरी दी गई है। अब आयुक्त, संस्थागत वित्त को राज्य स्तरीय स्टीयरिंग समिति का सदस्य सचिव बनाया गया है। साथ ही, 100 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान अब सामाजिक न्याय विभाग की जगह वित्त विभाग के तहत किया गया है।
  • आगर-मालवा जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के लिए पद सृजित: नए बने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, आगर-मालवा के लिए कुल 9 नए पदों (सचिव, जिला विधिक सहायता अधिकारी, सहायक ग्रेड-2, सहायक ग्रेड-3, आदेश तामीलकर्ता और भृत्य) के सृजन को मंजूरी दी गई है। इन पदों पर सालाना 59 लाख 42 हजार रुपये का खर्च आएगा।

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