सम्मेलन से हुई सीएम मोहन यादव के बेटे की शादी, मुख्यमंत्री ने पेश की समाजिक समरसता की मिसाल

Published : Nov 30, 2025, 08:01 PM IST
Mohan yadav Son Wedding

सार

उज्जैन में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने अपने पुत्र का विवाह अन्य 21 जोड़ों के साथ सादगी से संपन्न कराया। कार्यक्रम में सामाजिक समरसता का संदेश दिखा, संतों ने आशीर्वाद दिया और कई दंपतियों को आर्थिक सहयोग की घोषणा की गई।

भोपाल। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने सामाजिक जिम्मेदारी, समरसता और सादगी का उदाहरण प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने छोटे पुत्र का पाणिग्रहण संस्कार उज्जैन में आयोजित सामूहिक विवाह समारोह में करवाया। योग गुरु स्वामी रामदेव ने इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम का संचालन किया, जिसमें 21 जोड़ों का विवाह संपन्न हुआ। स्वामी रामदेव ने कहा कि डॉ. मोहन यादव पहले ऐसे मुख्यमंत्री हैं जिन्होंने इस तरह की प्रेरणादायक पहल की है। यह देश के प्रभावशाली, राजनीतिक और संपन्न लोगों के लिए अनुकरणीय उदाहरण है। इससे विवाह में होने वाले अनावश्यक खर्च को रोका जा सकता है और मध्यम व निम्न-मध्यम वर्गीय परिवारों को प्रेरणा मिलती है। यह कदम “सबका साथ–सबका विकास” की भावना को मजबूत करता है।

मुख्यमंत्री के पुत्र का विवाह बना प्रेरणादायक क्षण

उज्जैन में रविवार को आयोजित सामूहिक विवाह कार्यक्रम में मुख्यमंत्री डॉ. यादव के पुत्र डॉ. अभिमन्यु का विवाह डॉ. इशिता के साथ हुआ। यह विवाह सभी वर्गों के आम लोगों के साथ एक ही पंडाल में संपन्न हुआ, जिससे अद्भुत समानता, आत्मीयता और सामाजिक एकता का संदेश मिला। कार्यक्रम में राज्यपाल मंगुभाई पटेल ने सभी नवदंपतियों को आशीर्वाद दिया और इसे सामाजिक समरसता का उत्कृष्ट उदाहरण बताया।

सनातन परंपरा के अनुरूप सामूहिक विवाह

समारोह में आए अतिथियों का स्वागत करते हुए मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश में सनातन परंपरा के अनुसार वैवाहिक कार्यक्रम हो रहे हैं और सभी समाजों के नवदंपति इनमें शामिल हो रहे हैं। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के वर-वधू भी उत्साह से शामिल हुए।

धार्मिक गुरुओं ने कार्यक्रम की सराहना

समारोह में उपस्थित पं. धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ऐसे कम खर्च वाले सामूहिक विवाह समारोहों को बढ़ावा दिया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि समाज को ऐसे आयोजनों को स्वीकार करते हुए आगे बढ़ना चाहिए। पं. शास्त्री ने यह भी कहा कि इस विवाह समारोह के माध्यम से श्रीमद्भगवद्गीता का संदेश जीवंत होता दिख रहा है। कार्यक्रम में बिना किसी भेदभाव के सामाजिक समरसता का सुंदर दृश्य दिखाई दिया।

नवदंपतियों को आर्थिक सहयोग की घोषणा

सामूहिक विवाह कार्यक्रम में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद मनसा देवी ट्रस्ट हरिद्वार के अध्यक्ष महंत रवींद्र पुरी महाराज और जूना अखाड़ा के मुख्य संरक्षक व परिषद के महामंत्री स्वामी हरि गिरि महाराज ने सभी नवदंपतियों को एक-एक लाख रुपये देने की घोषणा की। मुख्यमंत्री के पुत्र डॉ. अभिमन्यु और पुत्रवधु डॉ. इशिता सहित सभी नवविवाहितों ने संतों से आशीर्वाद प्राप्त किया। भोजन व्यवस्था भी सामाजिक समरसता की भावना के अनुरूप सरल और सादगीपूर्ण रही। स्थानीय पुलिस, प्रशासन और सामाजिक संगठनों ने कार्यक्रम को व्यवस्थित रूप से संचालित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

वरिष्ठ नेताओं और जनप्रतिनिधियों की उपस्थिति

कार्यक्रम में कर्नाटक के राज्यपाल थावरचंद गहलोत, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, केंद्रीय राज्य मंत्री दुर्गादास उईके, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, अनेक मंत्रियों, विधायकों और बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों ने शिरकत की। सभी ने नवदंपतियों को शुभकामनाएं और उनके सुखद वैवाहिक जीवन की कामना की।

 

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