
MP Welfare Development: मुख्यमंत्री मोहन यादव ने भोपाल में 20 अगस्त को बताया कि उनकी सरकार लोगों की जिंदगी बदलने के लिए जबरदस्त प्रयास कर रही है। अपनी बात में उन्होंने कहा कि उनकी सरकार लोगों की जिंदगी बदलना चाहती है। लोगों की जरूरी आवश्यकता और उनकी सारी जरूरतों को पूरा करना चाहती है। पंडित दीनदयाल उपाध्याय का दर्शन भी यही कहता है। हम आखिरी से आखिरी व्यक्ति की सारी जरूरतों को पूरा करें। जब हम अपने देश को सभी सुविधाओं के खुशहाल बनाना चाहते हैं तो हमारे इस अभियान में कोई कैसे पीछे रह सकता है, कोई क्यों पीछे रहना चाहिए। सरकार की योजना का लाभ निचले स्तर तक मिलना चाहिए। ये सारी बातें उन्होंने कुशाभाऊ ठाकरे सभागार में आयोजित सम्पूर्णिता अभियान सम्मान समारोह को चीफ गेस्ट के तौर पर संबोधित करते हुए रखी।
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मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि सरकार के सामने कुछ चुनौतियां भी हैं। एक बड़े परिप्रेक्ष्य में हमें इजराइल जैसा देश भी दिखाई देता है। जो, हमारे एक साल बाद आजाद हुआ। आबादी की तुलना में भी वो हमसे बहुत पीछे है। वहां पर बारिश भी सीमित होती है। लेकिन, उसके बावजूद भी वह नई तकनीक और जनता की प्रतिबद्धता के साथ खड़ा है। साल 2014 के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश का परिदृश्य बदल दिया। हमारे देश की दुनिया में अलग पहचान बनी। हम आर्थिक रूप से संपन्न हुए। लेकिन, हमें जीवन की न्यूनतम आवश्यकता पर भी नजर डालनी जरूरी है। हमारे राज्य ने कई सेक्टरों में अच्छी प्रगति शामिल हैं। हमने कई सेक्टर में नवाचार भी किए हैं। उनके परिणाम समय के साथ आएंगे।
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राज्य में साल 2003 तक केवल 5 मेडिकल कॉलेज हुआ करते थे, जबकि अकेले हमने सवा साल के कार्यकाल के दौरान दस नए मेडिकल कॉलेज दिए। ये स्वास्थ्य के क्षेत्र में हमारी सारी कमियां पूरी कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि देश में हमारा राज्य अकेला है जो पीपीपी मोड पर सरकारी कॉलेजों को अस्पताल खोलने के लिए उपलब्ध कराएगा। हमने स्वास्थ्य क्षेत्र में फैसला किया कि जिला अस्पतालों को मेडिकल कॉलेज के साथ मर्ज कर देंगे। कॉलेज संचालकों को अलग से अस्पताल खोलने की जरूरत नहीं होगी। डॉक्टर और मरीज भी मिल जाएंगे। हम मेडिकल कॉलेज खोलने के लिए 25 एकड़ की जमीन एक रुपये में दे रहे हैं। हम इस मॉडल पर हम जिला स्तर तक मेडिकल कॉलेजों की व्यवस्था कर लेंगे। हम हर संभाग में एक आयुर्वेदिक कॉलेज की व्यवस्था करने जा रहे हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि जल की उपलब्धता के लिए विश्व की पहली नदी जोड़ो योजना केन-बेतवा लिंक और ताप्ती परियोजना पर काम शुरू किया है। साल 2002-03 तक सिंचाई का रकबा साढ़े सात लाख हेक्टेयर था, हमारी सरकार बनी तब ये रकबा 44 लाख हेक्टेयर था। हमारी सरकार ने एक साल में ही साढ़े सात लाख हेक्टेयर बढ़ा दिया। आने वाले 5 सालों में हम सिंचाई का रकबा 100 लाख हेक्टेयर करेंगे। खेती में उत्पादकता बढ़ाने के लिए हमने कृषि मेले शुरू किए। हमने महाकौशल-चंबल-मालवा बेल्ट में कृषि मेले आयोजित किए। हम एक बड़ा कृषि मेला मध्य भारत में अक्टूबर में आयोजित करेंगे।
उन्होंने कहा कि हमने कृषि के साथ-साथ उद्योगों की ओर भी ध्यान दिया। इसके लिए हमने रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किए। हमने अलग-अलग सेक्टर के हिसाब से इंडस्ट्री कॉन्क्लेव आयोजित किए। हम निवेश लाने के लिए विदेशों तक यात्राएं करके आए हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हमारे सारे कामों को पसंद किया, प्रतिसाद दिया। उन्होंने 7 बार मध्यप्रदेश आकर हमें आशीर्वाद दिया है। हम रचनात्मक अधिकारियों को पूरा मौका दे रहे हैं। अच्छा काम करने वालों के साथ सरकार पूरी तरह उनके साथ है। हम मध्यप्रदेश को देश में नंबर-1 बनाने की योजना पर काम कर रहे हैं। इस मौके पर सीएम डॉ. मोहन यादव ने नीति आयोग से कोदो-कुटकी का फसल के रूप में दस्तावेजीकरण करने की बात भी कही। मैं सभी सम्मानित साथियों को बधाई और प्रधानमंत्री मोदी का आभार व्यक्त करता हूं।
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