
Madhya Pradesh Mining Conclave :मध्यप्रदेश खनिज नीलामी के क्षेत्र में देश में अग्रणी बनकर उभरा है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के नेतृत्व में राज्य ने 2022-23 में 29 खनिज ब्लॉकों की नीलामी कर देश में पहला स्थान प्राप्त किया। हाल ही में प्रदेश ने क्रिटिकल मिनरल्स की नीलामी कर केंद्र सरकार की नीति को लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनने का गौरव भी हासिल किया है। खनिज ब्लॉकों की सर्वाधिक नीलामी के लिए मध्यप्रदेश को भारत सरकार ने वर्ष 2022 और वर्ष 2025 में खनन मंत्रियों के सम्मेलन में प्रथम और द्वितीय पुरस्कार से सम्मानित किया है। पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करते हुये पहली बार 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया।
खनिज राजस्व में वृद्धि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के नेतृत्व में राज्य खनन के क्षेत्र में सतत विकास कर रहा है। इससे न केवल आर्थिक विकास हो रहा है, बल्कि रोजगार के अवसर भी बढ़ रहे हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 में मध्यप्रदेश ने खनिज राजस्व संग्रहण में पिछले वर्ष की तुलना में 23 प्रतिशत वृद्धि दर्ज करते हुये पहली बार 10 हजार करोड़ रुपये से अधिक का राजस्व प्राप्त किया। वर्ष 2023-24 में यह आंकड़ा 4,958 करोड़ रुपये था। अब तक प्रदेश ने कुल 103 खनिज ब्लॉकों की सफल नीलामी की है, जिससे भविष्य में एक लाख 68 हजार करोड़ रुपये से अधिक राजस्व मिलने की संभावना है। विगत वर्ष 17-18 अक्टूबर 2024 को भोपाल में आयोजित माइनिंग कॉन्क्लेव में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। पारदर्शी नीलामी, पर्यावरण-अनुकूल खनन और स्थानीय समुदायों की भागीदारी जैसे सुधारों से निवेशकों का विश्वास बढ़ा है।
खनिज विभाग ने ग्रेफाइट, रॉक फॉस्फेट, गोल्ड, मैंगनीज और कॉपर सहित कई खनिज ब्लॉकों की नीलामी की है। हाल ही में जबलपुर और कटनी जिलों में सोने की खोज की गई है, वहीं पन्ना और छतरपुर में हीरे के विशाल भंडार प्रमाणित हुए हैं। बालाघाट की मलाजखण्ड तांबा खदान देश की सबसे बड़ी तांबा खदान है, जबकि पन्ना की मझगवां हीरा खदान देश की एकमात्र सक्रिय हीरा खदान है।़़
बहुमूल्य खनिजों में नित नई उपलब्धियाँ हीरा (डायमंड): मध्यप्रदेश देश का एकमात्र राज्य है, जहाँ पन्ना जिले की मझगवां हीरा खदान से प्रतिवर्ष एक लाख कैरेट हीरा उत्पादन होता है। इसके अलावा छतरपुर स्थित बंदर हीरा ब्लॉक में 34.2 मिलियन कैरेट हीरे का अनुमानित भंडार मिला है। कटनी में 23 अगस्त 2025 को होने वाले खनन सम्मेलन में औद्योगिक विकास पर विशेष रूप से विचार किया जायेगा। सोना (गोल्ड): प्रदेश के सिंगरौली और कटनी जिलों में कुल पाँच स्वर्ण ब्लॉकों की नीलामी की जा चुकी है, जिनमें 7.87 मिलियन टन अयस्क भंडार उपलब्ध है। जबलपुर के सिहोरा और कटनी के स्लीमनाबाद क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर सोने की उपलब्धता के संकेत मिले हैं। जबलपुर जिले में 100 हेक्टेयर क्षेत्र में लाखों टन स्वर्ण अयस्क मिलने का अनुमान है।
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