
भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा कि मध्यप्रदेश अब अंतरिक्ष तकनीक के क्षेत्र में नई उड़ान भरने जा रहा है। राज्य जल्द ही स्पेस टेक पॉलिसी-2025 लागू करेगा, जिसके तहत सैटेलाइट डेटा, रिमोट सेंसिंग और स्पेस स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन मिलेगा। उन्होंने बताया कि भोपाल में 2000 एकड़ भूमि पर नॉलेज एंड एआई सिटी विकसित की जाएगी, जो आधुनिक हाइटेक और साइबर सिटी की तर्ज पर बनाई जाएगी। यहां वैश्विक संस्थान, अनुसंधान केंद्र और स्टार्टअप्स एक साथ काम करेंगे, जिससे मध्यप्रदेश भारत का प्रमुख AI हब बनेगा। वहीं, साइंस सिटी प्रोजेक्ट के लिए 25 एकड़ भूमि आवंटित की जा रही है, जहां विज्ञान और नवाचार से जुड़ी विश्वस्तरीय सुविधाएँ विकसित होंगी।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इंदौर के ब्रिलियंट कन्वेंशन सेंटर में आयोजित एमपी टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 2.0 में निवेशकों को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत तकनीकी विकास के स्वर्णिम युग में प्रवेश कर चुका है। मध्यप्रदेश ने इसी दिशा में राज्य के तकनीकी और औद्योगिक क्षेत्र को नई ऊर्जा देने के लिए इस कॉन्क्लेव का आयोजन किया है, जिससे प्रदेश भारत के टेक्नोलॉजी मानचित्र पर अग्रणी स्थान प्राप्त करेगा।
कॉन्क्लेव में कुल 68 कार्यक्रम हुए जिनमें उद्घाटन, भूमि-पूजन, एमओयू, नीति लॉन्च और वन-टू-वन बैठकें शामिल थीं। इनसे प्रदेश में 15,896 करोड़ रुपये का निवेश और 64,085 रोजगार अवसर सृजित होंगे। मुख्यमंत्री ने बताया कि पहले हुए टेक ग्रोथ कॉन्क्लेव 1.0 से अब तक लगभग ₹34,000 करोड़ के निवेश प्रस्ताव और 2 लाख रोजगार सृजित हुए हैं। केवल आठ महीनों में ₹6,000 करोड़ का निवेश और 50,000 रोजगार साकार हुए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने 9 कंपनियों को भूमि आवंटन के आशय-पत्र सौंपे। इनमें टॉस, इजीसॉफ्ट, ओम्निस बिल्डकेयर, असिस्ट क्लिक, लॉजिमोंक, मैमथ एग्जॉस्ट्स इंडिया, एमपी ऑनलाइन और रिद्धि एंटरप्राइज शामिल हैं। इनसे प्रदेश में 10.61 करोड़ रुपये का निवेश और 740 नए रोजगार सृजित होंगे। इससे आईटी और मैन्युफैक्चरिंग क्षेत्र को नई दिशा मिलेगी।
कॉन्क्लेव में 7 महत्वपूर्ण एमओयू साइन हुए, जिनसे ₹800 करोड़ का निवेश और 10,500 रोजगार बनेंगे। ये एमओयू सिलिकॉन वेफर मैन्युफैक्चरिंग, आईटी पार्क विकास, गेमिंग, स्किल डेवलपमेंट और टेक रिसर्च जैसे क्षेत्रों से जुड़े हैं। इसमें डीएवीवी आईटी पार्क, एएनएसआर, मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग महू, गेम डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया जैसी संस्थाएँ शामिल रहीं।
राज्य सरकार और भारतीय सेना के मिलिट्री कॉलेज ऑफ टेलीकम्युनिकेशन इंजीनियरिंग के बीच साइबर सुरक्षा और एआई अनुसंधान के लिए एमओयू हुआ। इसका उद्देश्य रक्षा और नागरिक तकनीक के बीच सहयोग बढ़ाना है, जिससे अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी और स्किल डेवलपमेंट को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री की उपस्थिति में ₹85.51 करोड़ के निवेश वाले एग्रीमेंट्स हुए।
सीएम ने सीआईएसओ पोर्टल लॉन्च किया, जो सरकारी विभागों में साइबर सुरक्षा को मजबूत करेगा। साथ ही, ड्रोन डेटा रिपॉज़िटरी (DDR) का शुभारंभ किया गया, जो भूमि, सिंचाई, शहरी नियोजन और आपदा प्रबंधन जैसे क्षेत्रों में ड्रोन आधारित डेटा उपयोग को बढ़ावा देगा।
मुख्यमंत्री ने स्पेस टेक पॉलिसी-2025 का ड्राफ्ट जारी किया, जिससे मध्यप्रदेश भारत की स्पेस टेक अर्थव्यवस्था में अग्रणी स्थान प्राप्त करेगा। यह नीति अनुसंधान, निवेश और रोजगार के नए अवसर खोलेगी।
कॉन्क्लेव में 22 नई औद्योगिक इकाइयों का उद्घाटन किया गया, जिनमें ₹257.46 करोड़ का निवेश और 2,125 रोजगार सृजित होंगे। ये इकाइयाँ इंदौर, भोपाल, जबलपुर और ग्वालियर में स्थापित होंगी।
मुख्यमंत्री ने 4 नई परियोजनाओं का वर्चुअल भूमि-पूजन किया-
सीएम ने 6 औद्योगिक परियोजनाओं के लिए सीसीआईपी ऑर्डर जारी किए, जिनसे ₹2,999 करोड़ निवेश और 6,150 रोजगार बनेंगे। यह कदम आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश के लक्ष्य को गति देगा।
कॉन्क्लेव में हाई-स्पीड इलेक्ट्रॉनिक्स, एआर/वीआर, ब्लॉकचेन, एग्री-ड्रोन और पब्लिक टेक सर्विसेज से जुड़ी अत्याधुनिक तकनीक प्रदर्शित की गई। इंदौर, भोपाल और बड़वानी की कंपनियों ने अपनी नवीनतम खोजें और उत्पाद प्रस्तुत किए।
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