भाभी से शादी! बकरे पर निकाली बारात, 12 साल का दूल्हा हुआ वायरल, देखें वीडियो!

Published : Jan 04, 2025, 01:44 PM IST
MP tikamgarh bakre par baraat 12 year old dulha bhabi shadi viral video

सार

टीकमगढ़ में 12 साल के बच्चे की बारात घोड़ी नहीं, बकरे पर निकाली गई! 400 साल पुरानी परंपरा के तहत कर्णछेदन संस्कार धूमधाम से मनाया गया, परिवार-रिश्तेदारों ने जमकर किया जश्न।

टीकमगढ़, मध्य प्रदेश | शादी का माहौल हमेशा खुशी और धूमधाम से भरपूर होता है, लेकिन मध्यप्रदेश के टीकमगढ़ में एक शादी के मौके पर कुछ अलग ही देखने को मिला। यहां 12 साल के बच्चे को घोड़ी की जगह बकरे पर बैठाकर बारात निकाली गई और उस दौरान गाजे-बाजे के साथ बैंड पर जमकर डांस भी हुआ। ये कोई आम शादी नहीं थी, बल्कि एक अनोखी परंपरा का हिस्सा थी, जो पिछले 400 सालों से चली आ रही है। इस खास परंपरा के तहत दूल्हे का कर्ण छेदन संस्कार धूमधाम से किया जाता है, और इस बार इस अनोखी परंपरा को राघव अग्रवाल के परिवार ने पूरी श्रद्धा के साथ निभाया।

400 साल पुरानी परंपरा: बकरे पर बैठकर निकाली जाती है बारात

लोहिया समाज में करीब 400 सालों से चली आ रही परंपरा के तहत बड़े बेटे का कर्णछेदन संस्कार शादी की तरह पूरे धूमधाम से मनाया जाता है। इस संस्कार के दौरान बड़े बेटे को दूल्हे की तरह तैयार किया जाता है और उसे बकरे पर बैठाकर बारात निकाली जाती है। टीकमगढ़ के प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि गुरुवार को उनके बड़े पोते राघव अग्रवाल का कर्ण छेदन संस्कार हुआ, और शुक्रवार को परंपरा के अनुसार बकरे पर सवार होकर बारात निकाली गई। इस जश्न में परिवार और रिश्तेदारों ने मिलकर ढोल-नगाड़ों पर नाचते हुए और आतिशबाजी करते हुए इस परंपरा का पूरा आनंद लिया।

परिवार और रिश्तेदारों ने किया जश्न

टीकमगढ़ में हुई इस अनोखी शादी में न सिर्फ परिवार के सदस्य, बल्कि मोहल्ले के लोग भी शामिल हुए। बकरे पर सवार होकर निकाली गई बारात में नृत्य और पटाखों की आवाजें गूंज रही थीं, और हर कोई इस परंपरा के साथ खुशी मना रहा था। यह एक ऐसा पल था, जब परंपरा और खुशी दोनों का अद्भुत मिश्रण देखा गया।

पीढ़ी दर पीढ़ी निभाई जा रही परंपरा

प्रकाश अग्रवाल ने बताया कि यह परंपरा उनके दादा-परदादा के समय से चली आ रही है। उन्होंने कहा कि इस परंपरा को न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि लोहिया समाज के अन्य परिवार भी आज भी पूरी श्रद्धा और उत्साह के साथ निभाते हैं। यह परंपरा उनके लिए परिवार और समाज के बीच एक मजबूत बंधन का प्रतीक है। टीकमगढ़ की यह अनोखी शादी और परंपरा अब सोशल मीडिया पर भी चर्चा का विषय बन गई है।

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