शहीद आशीष शर्मा का अंतिम संस्कार: मंत्री-अफसर रो पड़े, CM मोहन यादव ने दिया कंधा

Published : Nov 20, 2025, 05:37 PM IST
farewell martyr ashish sharma

सार

छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव के जंगलों में नक्सल विरोधी ऑपरेशन के दौरान अपने अदम्य साहस, अद्भुत शौर्य और वीरता का परिचय देते हुए वीरगति को प्राप्त हुए मध्यप्रदेश हॉक फोर्स के जवान आशीष शर्मा का आज नरसिंहपुर में अंतिम संस्कार किया गया।

छत्तीसगढ़ में नक्सलियों से मुठभेड़ में शहीद हुए मध्य प्रदेश पुलिस के इंस्पेक्टर आशीष शर्मा का आज नरसिंहपुर में उनके पैतृक गांव गृहग्राम बोहानी के मुक्तिधाम में राजकीय सम्मान के साथ अंतिम संस्कार कर दिया गया। बता दें कि जब जवान के पार्थिव देह को चिता तक ले जाया गया तो एमपी के सीएम डॉ. मोहन यादव ने अर्थी को कंधा दिया। शहीद को अंतिम विदाई देने 5000 से ज्यादा लोग पहुंचे थे। हर तरफ भारत माता की जय और आशीष अमर रहे के नारे गूंज सुनाई दी।

सीएम से लेकर कई मंत्री-विधाक पहुंचे शहीद के घर

शहीद के अंतिम संस्कार में मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पंचायती एंव कृषि मंत्री प्रहलाद पटेल और शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह भी पहुंचे। वहीं कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष जीतू पटवारी, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने भी शहीद जवान को श्रद्धांजलि दी। इसके अलावा एमपी पुलिस के कई सीनियर अफसरों ने भी जवान को नम आंखों से अंतिम विदाई दी। बता दें कि हॉक फोर्स के 200 जवान भी अंतिम यात्रा में शामिल हुए थे।

सीएम मोहन यादव की बड़ी घोषणा

वहीं सीएम मोहन यादव ने आशीष शर्मा को X पर श्रद्धांजलि देते हुए लिखा- छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ संयुक्त अभियान के दौरान नरसिंहपुर जिले के वीर जवान श्री आशीष शर्मा के वीरगति को प्राप्त होने का अत्यंत दुखद समाचार मिला है। इस शोक की घड़ी में सरकार शोकाकुल परिवार के साथ खड़ी है। शहीद जवान के छोटे भाई को शासकीय सेवा में लिया जाएगा तथा परिवार को शासन की नीति के अनुरूप सभी सुविधाएं और सहायता उपलब्ध कराई जाएगी। नक्सलवाद के खिलाफ हमारी निर्णायक कार्रवाई निरंतर जारी रहेगी।

बहादुरी के लिए दो बार मिला वीरता पदक 

बता दें कि आशीष शर्मा ने 2016 में सब इंस्पेक्टर के रूप में पुलिस सेवा जॉइन की थी। इससे पहले वे इंटेलिजेंस विंग में आरक्षक के पद पर तैनात था। आशीष को बहादुरी और उत्कृष्ट कार्य के लिए प्रदेश सरकार ने आउट ऑफ टर्न प्रमोशन दिया था। वह दो बार वीरता पदक से भी सम्मानित हो चुके थे। आशीष एक सामान्य किसान परिवार से आते थे। उनके पिता देवेंद्र शर्मा गांव में ही खेती करते हैं। वहीं उनकी शर्मिला शर्मा गृहिणी। छोटा भाई अंकित पढ़ाई कर रहा है। आशीष को याद कर आज उनका पूरा गांव रो रहा है। गांव में मातम पसरा हुआ है।

 

 

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