एनजीटी ने अपने आदेश में किया संधोधन, मुख्य सचिव के खिलाफ़ की गई टिप्पणी भी ली वापस

पिछले दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल की केंद्रीय पीठ ने भोपाल के कलियासोत और केरवा बांध के आसपास निषिद्ध क्षेत्र से अतिक्रमण न हटाने के मामले में राज्य शासन की निष्क्रियता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 5 लाख का जुर्माना लगाया था।

पिछले दिनों नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल यानी एनजीटी की केंद्रीय पीठ ने भोपाल के कलियासोत और केरवा बांध के आसपास निषिद्ध क्षेत्र से अतिक्रमण न हटाने के मामले में राज्य शासन की निष्क्रियता पर नाराजगी व्यक्त करते हुए 5 लाख का जुर्माना तो आरोपित किया ही साथ में मुख्य सचिव इकबाल सिंह बेस के खिलाफ भी प्रतिकूल टिप्पणी की थी। 18 सितंबर के एनजीटी के आदेश में की गई टिप्पणी के बाद जब शासन की ओर से एनजीटी की केन्द्रीय पीठ को वस्तुस्थिति से अवगत कराया गया, इस पर अभी 20 सितंबर को एनजीटी ने अपने नए आदेश में जहां मुख्य सचिव के खिलाफ की गई प्रतिकूल टिप्पणी को विलोपित किया, वही मुख्य सचिव द्वारा इस मामले में लिए गए एक्शन को उचित भी ठहराया। मुख्य सचिव ने एनजीटी को सौपी रिपोर्ट में बताया की उनके द्वारा इस मामले में वरिष्ठ अधिकारियों की टीम बनाई जा चुकी है और शासन स्तर पर लगातार सख्त कदम उठाए जाते रहे हैं और एसटीपी प्लांट भी लगाया जा रहा है। शासन की और से प्रस्तुत रिपोर्ट पर एनजीटी ने जहा अपने पूर्व के 18 सितंबर के आदेश में संशोधन किया, वही शासन के साथ-साथ मुख्य सचिव को भी बड़ी राहत दे दी और उनके खिलाफ़ की गई टिप्पणी भी वापस ले ली।

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