प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की खजुराहो सभा से लौटते समय बस ड्राइवर गजेंद्र राजपूत की हादसे में मौत हो गई। एम्बुलेंस की अनुपलब्धता ने प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं की लापरवाही उजागर की। जिससे तमाम तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।
खजुराहो। मध्य प्रदेश के छतरपुर जिला अंतर्गत खजुराहो में 25 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभा के बाद एक दुखद घटना ने जिला प्रशासन की लापरवाही उजागर कर दी। भोपाल से सभा में ग्रामीणों को लाने वाली बस के ड्राइवर गजेंद्र राजपूत (40 वर्ष) हादसे में घायल हो गए। एम्बुलेंस की अनुपलब्धता के कारण उनकी मौत हो गई।
गजेंद्र राजपूत निवासी ग्राम कलारा, थाना गुनगा, जिला भोपाल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के केन-बेतवा लिंक परियोजना के भूमि पूजन कार्यक्रम के लिए आयोजित सभा में ग्रामीणों को बस से लेकर आए थे। सभा के बाद लौटते समय गजेंद्र बस के गेट पर खड़े थे। अचानक गिरने से वे गंभीर रूप से घायल हो गए थे।
हादसे के बाद तुरंत एम्बुलेंस को कॉल किया गया, लेकिन 10-15 मिनट तक इंतजार करने के बाद भी एम्बुलेंस नहीं पहुंची। स्थिति बिगड़ने पर बस को खाली कर उसे इमरजेंसी एम्बुलेंस में बदला गया। बस की लाइट्स और हॉर्न का उपयोग करते हुए घायल को जिला अस्पताल ले जाया गया। लेकिन गजेंद्र की जान नहीं बच पाई। इलाज के दौरान गजेंद्र की मौत हो गई।
प्रशासन की लापरवाही घटना के प्रत्यक्षदर्शियों राम सिंह लोधी, बबलू सिंह, राकेश शर्मा, और योगेश अहिरवार आद ने बताया कि एम्बुलेंस की अनुपलब्धता की वजह से घायल ड्राइवर गजेंद्र राजपूत को समय पर इलाज नहीं मिल पाया। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम में इस तरह की चूक ने जिला प्रशासन और स्वास्थ्य सेवाओं की तैयारी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
लोगों का कहना है कि यह घटना दर्शाती है कि इमरजेंसी हेल्थ सर्विसेज की व्यवस्था में कितनी बड़ी खामियां हैं। प्रधानमंत्री के कार्यक्रम जैसे महत्वपूर्ण अवसर पर भी ऐसी लापरवाही बरती गई, जो कि घोर निंदनीय ही कही जाएगी। स्थानीय प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग को इन चूकों से सबक लेकर भविष्य में बेहतर प्रबंधन सुनिश्चित करना चाहिए अन्यथा की दशा में ऐसी लापरवाही कल और बड़ी घटना का कारण बन सकती है।
ये भी पढ़ें…
खजराना मंदिर में महिला का हंगामा, पुलिसकर्मी का क्यों पकड़ा कॉलर- देखें Video
MP SET 2024 आंसर की जारी, जानें कैसे करें डाउनलोड और कैसे दर्ज करें आपत्तियां?