'MP के इस अपर कलेक्टर की हो रही थू-थू, लोग बोले-साहब आपने ये क्या किया'

मध्य प्रदेश के रीवा में अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया है। पीड़ित युवक ने राजस्व न्यायालय में अपने पक्ष में फैसला कराने के लिए रिश्वत देने की शिकायत लोकायुक्त पुलिस से की थी।

Arvind Raghuwanshi | Published : Sep 12, 2024 2:02 PM IST / Updated: Sep 12 2024, 07:35 PM IST

रीवा. मध्य प्रदेश के रीवा में अपर कलेक्टर ने एक ऐसा कांड किया है कि हर तरफ उनकी थू-थू ह हो रही है। इतने बड़े अफसर ने महज 5 हजार रुपए के लालच में अपनी ही इज्जत दांव पर लगा दी। दरअसल, लोकायुक्त पुलिस ने मऊगंज के अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी को 5 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार किया है। जिसकी चर्चा पूरे प्रदेश में हो रही है।

जानिए क्या है पूरा मामला, जिसमें नप गए डिप्टी कलेक्टर

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दरअसल, अपर कलेक्टर अशोक कुमार ओहरी ने एक युवक से राजस्व न्यायालय से उसके पक्ष में फैसला करने के लिए 20 हजार रुपए रिश्वत में मांगे थे। जिसमें पीड़ित ने 10 हजार दे दिए थे, बाकी के देना था, लेकिन युवक ने बाकी के पैसे देने की बजाय इसकी शिकायत लोकायुक्त पुलिस से कर दी। जिसके बाद लोकायुक्त ने प्लान बनाया और कार्यवाही करते हुए कलेक्ट्रेट कार्यालय में अपर कलेक्टर को रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया।

युवक ने पूरी प्लानिंग के साथ अफसर का कारनामा किया उजागर

बता दें की पीड़ित युवक रामनिवास तिवारी मऊगंज जिले के नई गढ़ी तहसील के खूझ गांव का रहने वाला है। जिसकी पारिवारिक बंटवारे का केस अपर कलेक्टर राजस्व न्यायालय मऊगंज में पेंडिग था। इसी बीच रामनिवास ने अपर कलेक्टर से मिलकर अपनी फाइल पास कराने की बात कही, लेकिन अधिकारी ने कहा-काम हो जाएगा, लेकिन 20 हजार रूपए देने होंगे। पीड़ित मान गया और एडवांस में 10 हजार भी दे दिए। बाद में पीड़ित ने अपर कलेक्टर को रंगे हाथों पकड़ने के लिए लोकायुक्त पुलिस के साथ मिलकर जाल बिछाया। गुरुवार को युवक पहले 5 हजार रुपए लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचा, जैसे ही उसने पैसे दिए और पीछे से लोकायुक्त पुलिस आ गई और रंगे हाथों पकड़ लिया।

जमानत पर रिहा हुए डिप्टी कलेक्टर

मामले की जांच कर रहे उप पुलिस अधीक्षक प्रवीण सिंह परिहार एवं निरीक्षक जियाउल हक सहित 12 सदस्यीय टीम के द्वारा यह कार्यवही की गई थी। अफसर प्रवीण सिंह ने बताया कि अपर कलेक्टर के खिलाफ भ्रष्टाचार की शिकायत मिली थी। उनपर मामला दर्ज करने के उन्हें जमानत पर रिहा कर दिया गया है।

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