प्रोजेक्ट चीता को लगा तीसरा झटकाः MP के कूनों में अफ्रीका से लाए चीतों की हुई आपसी लड़ाई, एक मादा चीते की गई जान

देश में विलुप्त हुए चीतों को फिर से रिइंट्रोड्यूस करने के लिए अफ्रीका से 20 चीतों को बुलाया गया था। इनको एमपी के कूनों नेशनल पार्क में छोड़ा गया। पर यहां अब तक तीन चीतों की जान चली गई। इस तीसरी मौत से पार्क प्रबंधन पर सवाल खड़े होने लगे है।

Contributor Asianet | Published : May 9, 2023 12:20 PM IST

श्योपुर (sheopur news). मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में एक नई शुरूआत हुई थी। जहां पीएम मोदी ने देश में विलुप्त हुई चीता प्रजाति को फिर से आबाद करने के लिए चीता रिइंट्रोडक्शन प्रोग्राम चलाया। जहां अफ्रीका के नामीबिया से 20 चीतें बुलवाए गए थे। इनके आने से अंदाजा लगाया गया था कि देश अब इनका कुनबा बढ़ेगा लेकिन अब इस प्रोजेक्ट को एक बार और झटका लगा है। दरअसल यहां एक मादा चीता की मौत हो गई है। इस मादा चीता को धीरा नाम दिया गया था। सामने आया है कि उसकी मौत लड़ाई के दौरान हुई है। विदेशों से लाए गए चीतों में अब तक तीन की जान जा चुकी है। इसने पार्क अधिकारियों की चिंता बढ़ा दी है।

आपसी लड़ाई में गई मादा चीता की जान

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प्राप्त जानकारी के अनुसार मंगलवार 9 मई मंगलवार के दिन दक्षिण अफ्रीका से आए चीतों में दो की आपस में लड़ाई हो गई। जिसमें मादा चीता धीरा को अन्य चीते ने गंभीर रूप से घायल कर दिया था। कूनो पार्क के मॉनिटरिंग दल के द्वारा जंगल में घायल हालत में बरामद किया गया था। जहां उसका इलाज कर बचाने की बहुत कोशिश की गई लेकिन उसकी जान नहीं बच पाई। पार्क के अधिकारियों ने इसकी आधिकारिक जानकारी भी दी है। पर बाहर से बसाने के लिए लाए गए चीतों में 3 चीतों की जान जाने के बाद से पार्क प्रशासन पर सवाल भी खड़े होने लगे है।

2 महीनें में 3 चीतों की हुई मौत, बढ़ी अधिकारियों की परेशानी

कूनो नेशनल पार्क में छोड़े गए चीतों में अब तक 3 चीतों की मौत हो गई है। हालांकि इस बार तीसरी मौत किसी बीमारी से नहीं हुई है। बल्कि दो चीतों के बीच हुई लड़ाई के चलते जान गई है। जानकारी हो कि इससे पहले 2 चीतों की बीमारी के चलते हुई थी। सबसे पहले मादा चीता शासा की मौत का कारण किडनी फैल होना था। पोस्टमार्टम में पता चला कि वह पहले से ही बीमारी से ग्रस्त थी। इसके बाद दूसरी मौत उदय नाम के चीते की हुई थी। हालांकि उसके मौत का कारण स्पष्ट नहीं हों पाया था। तीसरी मौत होने के बाद अब चीतों की संख्या 17 ही बची है। हालांकि इस बीच खुशी की बात ये है कि एक मादा चीता सियाया ने 4 शावकों को जन्म दिया है।

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