इंदौर बावड़ी हादसे को लेकर चौंकाने वाला खुलासा, ऐसा लगता है कि 36 मौतें भूल गए कलेक्टर और नगर निगम कमिश्नर

रामनवमी-30 मार्च को इंदौर में हुए बावड़ी हादसे के बाद CM शिवराज सिंह चौहान से लेकर जिला प्रशासन तक एक्टिव हो गया था। मंदिर से अतिक्रमण हटा दिया गया, लेकिन मामला फिर ठंडे बस्ते में चला गया है।

Amitabh Budholiya | Published : Apr 19, 2023 2:00 AM IST / Updated: Apr 19 2023, 07:34 AM IST
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इंदौर. 30 मार्च को रामनवमी पर हवन के दौरान बावड़ी की छत धंसने से 36 लोगों की मौत पर मचा बवाल थमते ही प्रशासन का एक्शन भी ठंडे बस्ते में चला गया है। प्रशासन ने 3 अप्रैल को मंदिर का अवैध अतिक्रमण तोड़ दिया था। साथ ही बावड़ी को पूर दिया था, लेकिन इस हादसे के लिए अब तक किसी पर कोई क्रिमिनल केस दर्ज नहीं कर पाया है।

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हाईकोर्ट ने कलेक्टर टी इलैया राजा और निगम कमिश्नर हर्षिका सिंह को नोटिस जारी करके पूछा है कि बावड़ी हादसे के लिए जिम्मेदारों पर अब तक आपराधिक केस दर्ज क्यों नहीं किया गया? कोर्ट ने 4 हफ्ते में जवाब मांगा है।

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मंगलवार को जनहित याचिका पर कोर्ट सुनवाई कर रहा था। अगली सुनवाई जून के दूसरे सप्ताह में होगी।

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बावड़ी हादसे में प्रशासन के सुस्त रवैये को लेकर पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने हाईकोर्ट की इंदौर बेंच में याचिका लगाई है।

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पूर्व पार्षद ने याचिका में जांच अधिकारी पर आरोप लगाते हुए कहा कि बिना मजिस्ट्रियल जांच के मामले की असलियत सामने नहीं आएगी।

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याचिका पर सुनवाई करते हुए हाइकोर्ट ने मंदिर ट्रस्ट और जांच अधिकारी को भी नोटिस जारी किया है।

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यह बावड़ी होलकर राजवंश द्वारा बनवाई गई थी। 1980 में प्रशासन ने बावड़ी को स्लैब से ढक दिया था।

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पूर्व पार्षद दिलीप कौशल ने सीनियर एडवोकेट डॉ. मनोहर दलाल के जरिये लगवाई इस याचिका में सिस्टम पर सवाल उठाए हैं। कहा गया कि जब जांच अधिकारी के पास ही निगम के तीन कर्मचारी काम कर रहे हैं, तो वे निगमायुक्त के खिलाफ निष्पक्ष जांच कैसे करेंगे?

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इस मामले में बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष सेवाराम गलानी और सचिव मुरली कुमार सबनानी के खिलाफ धारा 304 (गैर इरादतन हत्या) के तहत FIR दर्ज की गई है।

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मंदिर के अध्यक्ष और सचिव पर मंदिर में बावड़ी को ढककर असुरक्षित काम करने और ढांचे में अवैध निर्माण और अतिक्रमण हटाने के लिए इंदौर नगर निगम के निर्देशों की अनदेखी करने का आरोप लगा है।

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