
भोपाल/उज्जैन। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने रविवार को कहा कि आने वाला सिंहस्थ-2028 भारतीय संस्कृति और अध्यात्म का ऐसा अद्भुत संगम होगा, जिसे पूरी दुनिया देखेगी। उज्जैन को देश और दुनिया के नक्शे पर नई पहचान दिलाने के लिए सरकार लगातार बड़े कदम उठा रही है। सीएम ने उज्जैन में करीब 370 करोड़ रुपए की लागत वाले 11 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया और साथ ही 7 मंजिला संयुक्त प्रशासनिक भवन की आधारशिला रखी। इसके अलावा, उन्होंने शिप्रा नदी, प्रमुख मंदिरों और शहर की कनेक्टिविटी को लेकर भी बड़े ऐलान किए।
सिंहस्थ महाकुंभ, भारत ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया का सबसे बड़ा आध्यात्मिक मेला माना जाता है। उज्जैन में हर 12 साल में लगने वाले सिंहस्थ में करोड़ों श्रद्धालु आते हैं। लेकिन 2028 का सिंहस्थ कई मायनों में अलग और ऐतिहासिक होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सिंहस्थ की तैयारियों के साथ-साथ उज्जैन के प्रमुख मंदिरों का भी विस्तारीकरण किया जाएगा। भगवान महाकाल मंदिर, कालभैरव और गढ़कालिका मार्ग से जुड़े विकास कार्य उज्जैन की धार्मिक पहचान को और मजबूत करेंगे।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने उज्जैन में 135 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले संयुक्त प्रशासनिक भवन का भूमिपूजन किया। यह भवन पूरी तरह अत्याधुनिक होगा और लोक-कल्याण का उदाहरण बनेगा।
सीएम यादव ने कहा कि उज्जैन में जल्द ही मेट्रो ट्रेन भी आएगी। शिप्रा नदी पर पुलों की श्रृंखला, शहर के प्रवेश द्वारों पर विश्राम गृह और नए सिविल अस्पताल का निर्माण उज्जैन की तस्वीर बदल देगा।
नवरात्रि के शुभ अवसर पर मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने लगभग 370 करोड़ रुपये की राशि से 11 विकास कार्यों का भूमिपूजन किया। इनमें नवीन संयुक्त प्रशासनिक भवन, पुल, विश्राम गृह और अस्पताल शामिल हैं।
खास बात: आने वाले समय में शिप्रा नदी को लोग “पुलों वाली नदी” के नाम से जानेंगे।
सरकार का कहना है कि सिंहस्थ के सभी कार्य साधु-संतों की मंशानुसार किए जा रहे हैं। इसके अलावा किसानों के लिए भावांतर योजना को भी लागू किया गया है, जिससे 35 लाख से अधिक किसानों को लाभ मिलेगा। सीएम यादव ने कहा कि सिंहस्थ की तैयारी सिर्फ धर्म और अध्यात्म तक सीमित नहीं है, बल्कि किसानों को भी लाभ पहुंचाया जा रहा है।
सिंहस्थ-2028 निश्चित ही उज्जैन और मध्यप्रदेश के लिए ऐतिहासिक होगा। विकास कार्यों की रफ्तार और सरकारी घोषणाएँ दर्शाती हैं कि उज्जैन को एक आधुनिक धार्मिक नगरी में बदलने का सपना देखा जा रहा है लेकिन, यह सपना कितना सच होगा और कितना अधूरा रह जाएगा, यह समय ही बताएगा।
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