उज्जैन में आध्यात्मिक सम्मेलन: भारत का उदय-महाकाल का आकर्षण, स्वामी चिदानंद ने रखी खास बात

Published : Jun 05, 2025, 06:39 PM IST
Chidanand Saraswati

सार

उज्जैन में स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट में स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भारत के बढ़ते आध्यात्मिक प्रभाव और उज्जैन के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने देशभक्ति, वेलनेस और आध्यात्मिक विकास पर ज़ोर दिया।

मध्यप्रदेश। उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट में स्वामी चिदानंद सरस्वती ने भारत के बढ़ते आध्यात्मिक प्रभाव और उज्जैन के महत्व पर प्रकाश डाला। इस दौरान उन्होंने देशभक्ति, वेलनेस और आध्यात्मिक विकास पर ज़ोर दिया। वेलनेस सेंटर के महत्व पर भी चर्चा हुई।

* उज्जैन में आयोजित स्पिरिचुअल एंड वेलनेस समिट को संबोधित करते हुए स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि मुझे प्रसन्नता है कि उज्जैन में इस प्रकार की स्पिरिचुअल समिट हो रही है।

* आज का दिन गंगा दशहरा भी है। मेरा जीवन गंगा किनारे बीता है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ को राष्ट्र प्रथम का मंत्र देने वाले गुरुजी की आज पुण्यतिथि है। जो चला गया, उसका गम नहीं, लेकिन जो बचा है वो भी किसी से कम नहीं।

* अब भारत का समय है। दुनिया जान गई है कि भारत को भारत की आंखों से देखना पड़ेगा। आज एलन मस्क के पिता अयोध्या में पूजा कर रहे हैं। एक दिन था जब अयोध्या श्रद्धालुओं के लिए तरसता था। अब यह संख्या 10 करोड़ को पार कर गई है।

* 67 करोड़ लोग प्रयागराज के कुंभ में गए, जो रह गए उज्जैन सिंहस्थ में आएंगे।

* निवेशक मध्यप्रदेश में निवेश कर रहे हैं। ये अपने पीढ़ियों के लिए कर रहे हैं। 50 साल पहले अमेरिका में कोई मंदिर नहीं था। पहली यात्रा में मुझे संस्कार कराने के लिए किसी होटल में ले जाया गया। हजारों लोगों के बलिदान के बाद भारत की संस्कृति समृद्ध हुई है।

* मध्यप्रदेश लौटकर विश्वास नहीं हुआ कि उज्जैन आया हूं। लोगों को चारों धाम यात्रा करने के बाद महाकाल के दर्शन की इच्छा हो रही है। अयोध्या में जिस दिन 22 जनवरी को रामलला विराजमान हुए, मैं कैलिफोर्निया में था, कुछ सरदारों ने मुझसे पूछा कि क्या आप भी अयोध्या जा रहे हैं।

* कुंभ से पहले उज्जैन को इस प्रकार विकसित किया जाए कि श्रद्धालुओं के लिए पर्याप्त व्यवस्था हो। उत्तम स्वास्थ्य केवल अस्पतालों से नहीं वेलनेस से आ रहा है।

* जापानी लोग मानते हैं कि अगर आपको बेहतर हेल्थ चाहिए तो वन में विचरण करें। हम 2 वेलनेस सेंटर से लिए लेटर ऑफ इंटेंट दे रहे हैं।

* अमेरिका में 46 साल पहले पहला मंदिर निर्माण हुआ, जिसके लिए बिड़ला जी ने भगवान पार्शवनाथ की प्रतिमा भेजीं। आज 1500 मंदिर अमेरिक में मौजूद हैं। देव भक्ति अपने अपने ढंग से करो, लेकिन देशभक्ति सब मिलकर करो।

* जनसंपर्क (पीआर) अपके व्यापार को बढ़ा सकता है, लेकिन परिवार सिर्फ प्रेम से बढ़ेगा।

* यह महाकाल, विक्रमादित्य, शंकराचार्य और कालिदास की धरती है। प्रयागराज के कुंभ में आकर दुनिया के सबसे बड़े फोन निर्माता स्टीव जॉब्स की पत्नी भारत आकर मौन हो गईं।

* हमें भारत देश को आगे बढ़ाना है। ऑपरेशन सिंदूर के माध्यम से 8 घंटे में जो हुआ। वह वतन के लिए लड़ने वालों की बदौलत हो पाया है।

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