जिंदा बेटी का अंतिम संस्कार, MP के विदिशा में एक परिवार क्यों हो गया इतना बेबस?

Published : Dec 23, 2025, 05:58 PM IST
जिंदा बेटी का अंतिम संस्कार, MP के विदिशा में एक परिवार क्यों हो गया इतना बेबस?

सार

मध्य प्रदेश के विदिशा में, प्रेमी संग भागी 23 वर्षीय बेटी से नाराज़ परिवार ने उसे मृत मान लिया। उन्होंने आटे का पुतला बनाकर, शवयात्रा निकाली और उसका अंतिम संस्कार कर दिया। परिवार ने इसे अपने सपनों का टूटना बताया।

विदिशा: मध्य प्रदेश के विदिशा में एक चौंकाने वाली घटना हुई है। यहाँ एक बेटी अपने प्रेमी के साथ भाग गई, तो परिवार वालों ने उसे मरा हुआ मान लिया। उन्होंने उसका पुतला बनाकर, पूरे गाँव की सड़कों पर नकली शवयात्रा निकाली और आखिर में अंतिम संस्कार भी कर दिया। बेटी के इस फैसले को माता-पिता पचा नहीं पाए और उसे अपने लिए मरा हुआ मानकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया।

बेटी के एक कदम ने परिवार को झकझोरकर रख दिया

यह घटना विदिशा के चुना वाली गली इलाके में हुई। घर की 23 साल की बेटी कविता कुशवाह अचानक घर से गायब हो गई। बेटी के गायब होने पर परिवार वालों ने हर जगह उसकी तलाश की। जब वह नहीं मिली, तो उन्होंने पुलिस में भी शिकायत दर्ज कराई, लेकिन उसका कोई पता नहीं चला। कुछ दिनों बाद परिवार को पता चला कि उनकी बेटी एक लड़के के साथ भाग गई है। उन्हें यह भी पता चला कि उसने उस लड़के से चुपके से शादी कर ली है। बेटी के भाग जाने से परिवार को बहुत बेइज्जती महसूस हुई और वे कुछ दिनों तक घर से बाहर भी नहीं निकले। उन्हें इस स्थिति का सामना करने में बहुत मुश्किल हो रही थी।

बेटी को मरा मानकर परिवार ने कर दिया अंतिम संस्कार

जब रिश्तेदारों को इस बारे में पता चला, तो उन्होंने कुशवाह परिवार से संपर्क किया और उन्हें सांत्वना देने की कोशिश की। उन्होंने भावनात्मक रूप से सहारा देने की भी कोशिश की। लेकिन परिवार वाले इससे शांत नहीं हुए और उन्होंने कविता को अपने लिए मरा हुआ मानकर उसका अंतिम संस्कार करने का फैसला किया। इसके बाद कुशवाह परिवार ने रिश्तेदारों को घर बुलाया। फिर उन्होंने गेहूं के आटे से कविता का एक पुतला बनाया। उसे एक सजी हुई बांस की अर्थी पर रखा गया। इसके बाद, बैंड-बाजे वालों को बुलाकर गाँव में यह नकली शवयात्रा निकाली गई। शहर के अलग-अलग चौराहों से जुलूस निकालकर उसे श्मशान घाट ले जाया गया। वहाँ परिवार ने चिता तैयार कर रखी थी। वहाँ मौत के बाद होने वाले सभी रीति-रिवाज पूरे किए गए। फिर कविता के पुतले को आग लगाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया।

इस घटना के बारे में कविता के भाई राजेश कुशवाह ने बताया कि परिवार वाले उसकी बहुत देखभाल करते थे। वह पढ़ी-लिखी थी और उससे बहुत उम्मीदें थीं। परिवार उसकी हर इच्छा को बड़े प्यार से पूरा करता था। लेकिन उसने परिवार को छोड़कर हमारे सारे सपने तोड़ दिए। राजेश कुशवाह ने कहा कि परिवार की उम्मीदें खत्म हो गईं, इसीलिए यह अंतिम संस्कार किया गया है।

कविता कुशवाह के पिता ने इस घटना को जीवन का सबसे दुखद पल बताया है। कविता के पिता रामबाबू कुशवाह ने रोते हुए कहा कि उनकी बेटी के फैसले से पूरा परिवार टूट गया है। उन्होंने कहा कि यह उनकी जिंदगी का सबसे दर्दनाक पल है। इस घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है और लोग तरह-तरह के कमेंट कर रहे हैं। कुछ लोग कह रहे हैं कि लड़की ने सही फैसला लिया, तो कुछ कमेंट कर रहे हैं कि शुक्र है, उसे मारा तो नहीं।

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