महाराष्ट्र के संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में एक ओर रामनवमी के दिन और उसके बाद साम्प्रदायिक हिंसा भड़की हुई थी, तो दूसरी ओर एक सरपंच नोटों की बारिश कर रहा था। सरपंच सरकारी कामकाज और रिश्वतघोरी से नाराज था।
संभाजीनगर(Sambhajinagar).महाराष्ट्र के संभाजीनगर (पहले औरंगाबाद) में एक ओर रामनवमी के दिन और उसके बाद साम्प्रदायिक हिंसा भड़की हुई थी, तो दूसरी ओर एक सरपंच नोटों की बारिश कर रहा था। सरपंच सरकारी कामकाज और रिश्वतघोरी से नाराज था। पंचायत के एक अधिकारी ने उससे कुएं की मंजूरी के लिए रिश्वत मांग ली थी।
चौंकाने वाला यह मामला महाराष्ट्र के संभाजीनगर जिले के गेवराई पायगा गांव का है। ये हैं सरपंच मंगेश सांबले, जिन्होंने 31 मार्च की दोपहर पंचायत समिति के सामने 2 लाख रुपए के नोट हवा में उड़ा डाले। इनका आरोप है कि पंचायत समिति के एक अधिकारी ने कुआं बनवाने के प्रस्ताव को मंजूर करवाने के नाम पर उनसे रिश्वत मांगी थी। अधिकारी द्वारा टोटल बजट में से 12% रिश्वत की मांग करने से सरपंचजी नाराज हुए थे। नोटों की बारिश का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है। इसमें सरपंच मंगेश गुस्से में नोटों को हवा में उड़ाते हुए दिखाई दे रहे हैं।
सरपंच मंगेश ने अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि पंचायत समिति के ऑफिस ने कुएं, मवेशी के शेड और नहर जैसे प्रोजेक्ट्स को मंजूर करने के लिए रिश्वत का एक फिक्स पर्सेंट तय कर रखा है। इससे गांवों में विकास कार्य हो पा रहे हैं, जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा की जा रही है।
सरपंच मंगेश शुक्रवार को नोटों की माला पहनकर पंचायत समिति के सामने अपना विरोध प्रदर्शन करने पहुंचे थे। वे नारे भी लगा रहे थे और भ्रष्टाचार करने वालों पर कार्रवाई की मांग उठा रहे थे। अपने इस विरोध प्रदर्शन के दौरान उन्होंने करीब 2 लाख रुपए के नोट हवा में उड़ा दिए।
सरपंच ने रिश्वत मांगने वाले अधिकारियों को चैलेंज किया कि अगर गांव के विकास में अड़ंगा डाला, तो जरूरत पड़ने पर वो गरीब किसानों के लिए वे ऐसे ही नोटों की बारिश कर देंगे। हालांकि ज्यादातर नोट मंगेश को वापस मिल गए। कुछेक नोट ही वहां खेल रहे बच्चे उठाकर भाग निकले।
सरपंच ने मीडिया से कहा कि उनके गांव में कुंओं के 20 प्रपोजल पड़े हैं। लेकिन ब्लॉक डेवलपमेंट ऑफिसर(BDO) इन्हें मंजूरी देने के लिए टोटल बजट में से 12% रुपए की रिश्वत मांग कर रहे हैं। मंगेश ने खुलासा किया कि बुधवार को जूनियर इंजीनियर गायकवाड़ और ग्राम रोजगार सेवक 1 लाख रुपए लेकर BDO के पास गए थे, लेकिन उन्होंने रिश्वत के कम पैसे लेने से मना कर दिया। वे 12% कमिशन पर ही अड़े रहे। इसीलिए वे विरोध जताने 2 लाख रुपए लेकर आए थे।
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