मुंबई। शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे ने मंगलवार को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के पद से इस्तीफा दे दिया। इस बीच अगला सीएम कौन होगा इसको लेकर महायुति गठबंधन में सस्पेंस बरकरार है। शिंदे भाजपा नेता देवेंद्र फडणवीस, अजित पवार और अन्य सहयोगियों के साथ राजभवन पहुंचे। उन्होंने राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन को अपना इस्तीफा सौंपा।
नई सरकार बनने तक शिंदे कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में काम करते रहेंगे। महाराष्ट्र में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने बड़ी जीत पाई है। राज्य की 288 में से 235 सीटें महायुति गठबंधन ने जीत ली हैं। हालांकि, गठबंधन अभी तक इस बात पर आम सहमति बनाने में विफल रहा है कि अगला मुख्यमंत्री कौन होगा।
शिव सेना ने मांग की है कि एकनाथ शिंदे को मुख्यमंत्री बनाए रखना चाहिए। माझी लड़की बहिन योजना शिंदे के दिमाग की उपज थी। यह चुनावों में गेम-चेंजर साबित हुई। दूसरी ओर भाजपा को राज्य में अब तक की सबसे बड़ी जीत मिली है। पार्टी के नेता देवेंद्र फडणवीस को तीसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की वकालत कर रहे हैं। एनसीपी नेता अजित पवार ने भाजपा के दावे का समर्थन किया है।
चुनाव में भाजपा ने सबसे अधिक 132 सीटें जीती हैं। इसके बाद शिव सेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिली है। शिवसेना सांसद नरेश म्हास्के ने भाजपा नेतृत्व से महाराष्ट्र में भी बिहार की तर्ज पर शिंदे को मुख्यमंत्री बनाने का आग्रह किया है। म्हास्के ने कहा, “नीतीश कुमार को बिहार का मुख्यमंत्री बनाया गया, जबकि उनकी पार्टी के पास भाजपा से भी कम विधायक थे। महाराष्ट्र में भी यह फॉर्मूला लागू किया जाना चाहिए।”
मंगलवार रात को एक्स पर एक पोस्ट में शिंदे ने अपने समर्थकों से कहा कि वे उनके मुख्यमंत्री बने रहने के लिए उनके आधिकारिक आवास पर भीड़ न लगाएं। शिंदे ने कहा, "मेरे प्रति प्यार के कारण कुछ लोगों ने सभी से एक साथ मिलकर मुंबई आने की अपील की है। मैं आपके प्यार के लिए बहुत आभारी हूं। लेकिन मैं अपील करता हूं कि कोई भी इस तरह से मेरे समर्थन में एक साथ न आए।"
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