2018-2022 के बीच भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 7.77 लाख से अधिक मौतें हुईं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु में सबसे अधिक सड़क दुर्घटनाएँ दर्ज की गईं। नितिन गडकरी ने सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए मानव व्यवहार में बदलाव की आवश्यकता बताई।
मुंबई। 2018-2022 के बीच भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 7.77 लाख से अधिक मौतें हुई हैं। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और तमिलनाडु ने इस अवधि में सबसे अधिक दुर्घटनाओं और मौतों के मामले दर्ज किए। सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जारी 'भारत में सड़क दुर्घटनाएँ, 2022' रिपोर्ट में इन चिंताजनक आंकड़ों का खुलासा किया गया।
2022 में देशभर में सड़क दुर्घटनाओं में मरने वालों की संख्या 1,68,491 तक पहुंच गई, जो 2021 में 1,53,972 थी। अकेले उत्तर प्रदेश में 2022 में 22,595 मौतें दर्ज की गईं, जबकि तमिलनाडु में 17,884 और महाराष्ट्र में 15,224 मौतें हुईं। दुर्घटनाओं का मुख्य कारण रिपोर्ट में पाया गया कि तेज रफ़्तार, मोबाइल का उपयोग, शराब पीकर गाड़ी चलाना, और ड्राइवरों की अनुशासनहीनता सड़क दुर्घटनाओं का प्रमुख कारण हैं।
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या उन्हें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में शर्मिंदा करती है। उन्होंने कहा, "मुझे अपना चेहरा छिपाना पड़ता है।" उन्होंने स्वीकार किया कि दुर्घटनाओं को 50 प्रतिशत तक कम करने का लक्ष्य हासिल नहीं हुआ।
2019 के मोटर वाहन अधिनियम के तहत सख्त दंड लागू किए गए। ई-चालान: 2020 से अब तक 23 करोड़ ई-चालान जारी किए गए, जिनकी राशि ₹36,700 करोड़ से अधिक है। सड़क सुरक्षा ऑडिट: राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनिवार्य किया गया।
मॉडल ड्राइविंग संस्थानों की स्थापना और सार्वजनिक परिवहन में सुधार पर ध्यान केंद्रित। नितिन गडकरी ने कहा कि "मानव व्यवहार और सामाजिक मानदंडों में बदलाव जरूरी है।" सड़क सुरक्षा में सुधार के लिए कानून के पालन और जागरूकता पर बल दिया जा रहा है। भारत में सड़क दुर्घटनाओं की बढ़ती संख्या एक बड़ी चुनौती है, लेकिन सरकार इसे कम करने के लिए गंभीरता से प्रयास कर रही है।