महाराष्ट्र में कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी के खिलाफ चुनाव लड़ने वाले बागी उम्मीदवारों को छह साल के लिए निलंबित किया, 'दोस्ताना लड़ाई' को रोकने का संदेश।
मुंबई। महाराष्ट्र में कांग्रेस ने महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन के साथ अपने अनुशासन को बनाए रखने के लिए बड़ा कदम उठाया है। कांग्रेस ने उन सभी बागी उम्मीदवारों को छह साल के लिए निलंबित कर दिया है, जो एमवीए के आधिकारिक उम्मीदवारों के खिलाफ चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस के इस कड़े फैसले का मकसद यह सुनिश्चित करना है कि गठबंधन के भीतर कोई "दोस्ताना लड़ाई" नहीं होगी और किसी भी प्रकार का मतभेद गठबंधन के प्रभाव को कमजोर न करे।
अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महाराष्ट्र प्रभारी ने स्पष्ट किया कि पार्टी ऐसे बागी उम्मीदवारों को माफ नहीं करेगी। "हम एमवीए के उम्मीदवारों के खिलाफ किसी भी प्रकार की दोस्ताना लड़ाई को सहन नहीं करेंगे। सभी बागी उम्मीदवारों को छह साल के लिए निलंबित कर दिया गया है।"
यह निर्णय ऐसे समय पर लिया गया है जब एमवीए गठबंधन के भीतर मतभेद और वोटों के विभाजन की आशंका थी। शिवसेना सांसद संजय राउत ने पहले ही इस बात को लेकर स्पष्ट कर दिया था कि एमवीए में किसी भी तरह की "दोस्ताना लड़ाई" बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा, "कुछ सीटों पर एमवीए से कई नामांकन हैं। हम बातचीत के माध्यम से इसका समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं।"
दूसरी ओर भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने भी विदर्भ में बागी उम्मीदवारों को चुनाव से हटाने की उम्मीद जताई। उन्होंने कहा, "हमें भरोसा है कि विदर्भ में 99 प्रतिशत बागी उम्मीदवार वापस ले लिए जाएंगे।"
कांग्रेस के इस निर्णय से गठबंधन की एकता पर जोर दिया गया है और स्पष्ट संकेत दिया गया है कि पार्टी किसी भी प्रकार की अनुशासनहीनता को बर्दाश्त नहीं करेगी। एमवीए के उम्मीदवारों के खिलाफ खड़े बागी उम्मीदवारों को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का निर्णय पार्टी की स्पष्ट नीति और अनुशासन को बता दिया है।