प्राइवेट ऑडी कार पर लाल बत्ती, VIP डिमांड, सरकार ने यूं कतरे ट्रेनी IAS अधिकारी के पर

महाराष्ट्र के पुणे की ट्रेनी आईपीएस अधिकारी पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) का सरकार ने तबादला कर दिया है। वह प्राइवेट ऑडी कार पर लाल बत्ती लगाने और वीआईपी डिमांड करने के लिए चर्चा में हैं।

Vivek Kumar | Published : Jul 10, 2024 11:31 AM IST / Updated: Jul 10 2024, 05:02 PM IST

मुंबई। महाराष्ट्र के पुणे की ट्रेनी आईपीएस अधिकारी पूजा खेडकर (Pooja Khedkar) इन दिनों चर्चा में हैं। ट्रेनी आईपीएस अधिकारी बनते ही उनके दिमाग पर कुर्सी का नशा छा गया। अपनी प्राइवेट ऑडी कार पर लाल बत्ती लगाई और बड़े-बड़े अक्षर में महाराष्ट्र शासन लिखवा लिया। इसके बाद सरकार से वीआईपी डिमांड करने लगीं।

पूजा ने पुणे जिला कलेक्टर कार्यालय से विशेष सुविधाएं मांगी, जिससे विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने उन सुविधाओं की मांग की थी जो ट्रेनी अधिकारी को नहीं दी जातीं। सत्ता के दुरुपयोग की शिकायतें मिली तो महाराष्ट्र सरकार ने ट्रेनी अधिकारी के पर कतरने का फैसला किया। उसे पुणे से वाशिम ट्रांसफर कर दिया गया। अब वह वाशिम में सुपर न्यूमेरी असिस्टेंट कलेक्टर के पद पर काम करेंगी।

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पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे ने पूजा खेडकर के खिलाफ मुख्य सचिव को लिखा पत्र

पुणे कलेक्टर डॉ. सुहास दिवासे ने पूजा खेडकर के खिलाफ मुख्य सचिव को पत्र लिखा था। इसके बाद पूजा का तबादला किया गया। आदेश में कहा गया, "2023 बैच की आईएएस अधिकारी अपनी ट्रेनिंग की शेष अवधि वाशिम जिले में सुपर न्यूमरेरी सहायक कलेक्टर के रूप में काम करेंगी।"

पूजा खेडकर ने निजी ऑडी कार पर लिखवाया 'महाराष्ट्र सरकार'

पूजा खेडकर ने कलेक्टर कार्यालय से विशेष सुविधाएं मांगी, जिससे विवाद खड़ा हो गया था। वह ऐसी सुविधाएं चाहतीं थीं जो ट्रेनी अधिकारी को नहीं मिलती। पूजा ने अपनी प्राइवेट ऑडी कार का इस्तेमाल किया। उसपर लाल-नीली बत्ती लगा ली। इसके साथ ही 'महाराष्ट्र सरकार' का बोर्ड भी लगा लिया। उनकी इन हरकतों से प्रशासन में हलचल मच गई थी।

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पूजा खेडकर ने सरकार से की थी ये मांग

पूजा ने मांग की थी कि उसे वीआईपी नंबर प्लेट वाली सरकारी कार, घर, पर्याप्त स्टाफ के साथ एक सरकारी चेंबर और एक कांस्टेबल दी जाए। नियमों के अनुसार ट्रेनी अधिकारी को ये सुविधाएं नहीं दी जाती हैं। इसके लिए पहले राजपत्रित अधिकारी के रूप में नियुक्त किया जाना आवश्यक होता है। ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आईएएस अधिकारी की नियुक्ति राजपत्रित अधिकारी के रूप में होती है। पूजा खेडकर यहीं नहीं रुकीं। उन्होंने अतिरिक्त कलेक्टर अजय मोरे के नहीं रहने पर उनके चेंबर पर कब्जा कर लिया और वहां अपने नाम का बोर्ड लगा दिया।

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