मनचलों के लिए सबक: लड़की के Lips पर 100 रुपए का नोट लहराते हुए कह दी थी गंदी बात, कोर्ट ने दी कड़ी सजा

मुंबई की एक विशेष अदालत ने 32 वर्षीय व्यक्ति को एक 16 वर्षीय लड़की के होठों पर 100 रुपये का नोट लहराते हुए उसके साथ छेड़छाड़ करने पर एक साल की कठोर सजा सुनाई है।

Amitabh Budholiya | Published : Feb 7, 2023 5:55 AM IST / Updated: Feb 07 2023, 11:26 AM IST

मुंबई. यहां की एक कोर्ट ने सरे बाजार लड़की के साथ छेड़छाड़ करके उसे वेश्या(Prostitute) कहने पर एक शख्स को ऐसी सजा सुनाई है कि यह मनचलों के लिए सबक साबित होगी। यहां की एक विशेष अदालत ने 32 वर्षीय व्यक्ति को एक 16 वर्षीय लड़की के होठों पर 100 रुपये का नोट लहराते हुए उसके साथ छेड़छाड़ करने पर एक साल की कठोर कैद(rigorous imprisonment) सुनाई है। पढ़िए पूरी डिटेल्स...

1.घटना के अनुसार, जब लड़की एक पड़ोसी के साथ स्थानीय बाजार में थी, तभी आरोपी ने उससे यह भी पूछा कि वह नखरे क्यों कर रही है? अदालत ने पाया कि उसका यह कृत्य यौन मंशा(sexual intent) के साथ था।

2. घटना 13 जुलाई 2017 की रात करीब 8 बजे की है। आरोपी अचानक लड़की के पीछे से आया और उसे परेशान किया।

3. घटना का पता चलने पर जब लड़की की मां आरोपी के घर जाकर उसे समझाने गई, तो आरोपी ने महिला के साथ भी दुर्व्यवहार किया। इसकी शिकायत पर पुलिस ने उसे पकड़ा था।

4.अदालत ने माना कि लड़की के होठों पर पैसे ले जाने और फिर अश्लील शब्द बोलने से उसकी लज्जा भंग हुई, जो यौन अपराधों से बच्चों के संरक्षण अधिनियम (POCSO) की धारा 12 (यौन उत्पीड़न) के तहत दंडनीय है।

5.मुकदमे के दौरान लड़की, उसके पड़ोसी और उसकी मां सभी ने गवाही दी थी। किशोरी ने अदालत को बताया कि आदमी ने कॉलेज के रास्ते में उसका पीछा किया।

6. पीड़िता ने कहा कि आरोपी ने उसके पिता से कहा कि वह(पीड़िता) कॉलेज के बहाने वेश्यावृत्ति करती है। लड़की ने आरोपी का विरोध किया था।

7.आरोपी ने कोर्ट से नरमी मांगी थी। उसने अदालत से कहा था कि उसकी मां कैंसर से पीड़ित है और परिवार उस पर निर्भर है।

8. अदालत ने सजा का फैसला करते हुए कहा कि उसके पक्ष में परिस्थितियों को कम करने पर विचार करना होगा, लेकिन यह कि शीर्ष अदालत ने कई मौकों पर कहा है कि सजा अपराध के अनुरूप होनी चाहिए।

9. सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा है कि यह अदालत का कर्तव्य है कि वह आपराधिकता की डिग्री और ऐसी सजा देने की वांछनीयता के आधार पर उचित सजा दे।

10. हालांकि आरोपी ने इस मामले में विचाराधीन कैदी के रूप में एक वर्ष से अधिक का समय बिताया है, इसलिए वह रिहाई का हकदार होगा। व्यतीत की गई अवधि को सजा से घटा दिया जाएगा।

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