मुंबई के अरब सागर में नौका और भारतीय नौसेना की नाव की टक्कर से 14 लोगों की मौत। मुंबई पुलिस ने दुर्घटना पर जांच के लिए नौसेना और महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड से विस्तृत जानकारी मांगी। सबसे अहम सवाल ये है कि नेवी को परीक्षण की अनुमति किसने दी थी?
मुंबई। मुंबई के अरब सागर में एक भीषण दुर्घटना में भारतीय नौसेना की नाव और एक यात्री नौका के टकराने से 14 लोगों की मौत हो गई, जबकि कई घायल हो गए। कोलाबा पुलिस ने भारतीय नौसेना और महाराष्ट्र समुद्री बोर्ड को पत्र लिखकर हादसे की विस्तृत जानकारी मांगी है।
इस हादसे में नौसेना की एक ट्रायल कर रही नाव ने नियंत्रण खो दिया और एलीफेंटा द्वीप के रास्ते में नौका से टकरा गई। पुलिस ने सवाल उठाए हैं कि व्यस्त समुद्री मार्ग पर ट्रायल क्यों किया गया और इसके लिए किसने अनुमति दी।
सूत्रों के अनुसार जांच में नौसेना की नाव में तकनीकी खामी, विशेषकर थ्रॉटल समस्या की भी जांच की जा रही है। साथ ही यात्री नौका में क्षमता से अधिक सवारियों की संभावना पर भी सवाल उठाए गए हैं क्योकि 80 लोगों की क्षमता वाली सवारी नाव पर 110 लोग सवार थे।
भारतीय नौसेना ने हादसे की जांच के लिए एक जांच बोर्ड का गठन किया है। इस बीच गेटवे ऑफ इंडिया से चलने वाली सभी नौकाओं के लिए लाइफ जैकेट पहनना अनिवार्य कर दिया गया है। नेवी ने कहा है कि हम जांच कर रहे हैं, पुलिस की जांच में भी जो सहयोग होगा किया जाएगा।
हादसे के दौरान दोनों जहाजों पर कुल 113 लोग सवार थे, जिनमें से 98 को बचा लिया गया। नौसेना की नाव पर मौजूद 6 में से 2 लोग बच गए। गुरुवार को 2 लापता यात्रियों में से एक का शव बरामद हुआ, जिससे मरने वालों की संख्या 14 हो गई। 7 वर्षीय बच्चा अब भी लापता है, जिसकी तलाश जारी है। यह घटना समुद्री मार्गों पर सुरक्षा और प्रोटोकॉल के पालन पर गंभीर सवाल उठाती है। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि हादसे के समय सुरक्षा उपायों का कितना पालन किया गया था।
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