मुंबई की लड़की अनामता अहमद आज के वक्त में ये सिर्फ एक नाम नहीं है। ये जीता-जागता एक हौसला है, जिसके बारे में सुनकर देश के लाखों लोगों को प्रेरणा मिलेगी।
मुंबई न्यूज। मुंबई की लड़की अनामता अहमद आज के वक्त में ये सिर्फ एक नाम नहीं है। ये जीता-जागता एक हौसला है, जिसके बारे में सुनकर देश के लाखों लोगों को प्रेरणा मिलेगी। आज से दो साल पहले अलीगढ़ की यात्रा के दौरान अपने चचेरे भाइयों के साथ खेलते समय उसके साथ एक ऐसा हादसा हुआ, जिसके बाद उसकी दुनिया बदल गई। हुआ यूं कि 11 केवी केबल को छूने की वजह से उसे भारी झटका लगा, जिसे वो बुरी तरह से जल गई। उस समय उसकी उम्र मात्र 13 साल की थी। इस हादसे में उसका एक दाहिना हाथ काटना पड़ा और बायां हाथ केवल 20 फीसदी ही काम करने लायक बचा। उसने पूरे 50 दिन तक अस्पताल के बिस्तर पर बिताया। हालांकि, उसने अपने जज्बे को कमजोर नहीं होने दिया और ICSE बोर्ड के 10th की परीक्षा में 92 फीसदी अंक हासिल किया।
बीते सोमवार (6 मई) को ICSE बोर्ड के नतीजे आने के बाद मुंबई के अंधेरी में सिटी इंटरनेशनल स्कूल पढ़ने वाली अनामता अहमद के खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसके लाजवाब प्रदर्शन पर स्कूल के प्रिंसिपल मानसी दीपक गुप्ता कहती हैं- “वह हमेशा एक मेधावी छात्रा थी लेकिन जिस स्थिति से वह गुजरी थी, उससे कोई भी गंभीर अवसाद में जा सकता था। उसके काफी तकलीफों के बाद भी ऐसा काम करके दिखाया, जो आम इंसान के बस की बात नहीं है।
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अनमता ने बताई सारी बात
अनमता ने TOI को बताया, 'डॉक्टरों ने मेरे माता-पिता को सुझाव दिया था कि मुझे पढ़ाई से एक या दो साल का ब्रेक ले लेना चाहिए, लेकिन मैं ऐसा करने को तैयार नहीं थी क्योंकि मैं घर और स्कूल में नहीं बैठना चाहती थी। उन्होंने कहा, “अस्पताल से वापस आने के बाद पहली बात जो मेरे दिमाग में आई वह थी अपने बाएं हाथ को पूरी तरह काम करने लयाक बनाना है। डॉक्टरों ने मुझे कुछ व्यायाम की सलाह दी और मैंने सोशल मीडिया क्लिप भी देखीं।'' “हालांकि, बड़ी चुनौती बाएं हाथ से लिखना था क्योंकि मुझे इसकी आदत नहीं थी।
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