देश की पहली बैटरी से चलने वाली एसी डबल डेकर बस, 80 मिनट में होगी फुल चार्ज

देश की पहली बैटरी से चलने वाली एसी डबल डेकर बस जल्द ही यात्रियों के लिए उपलब्ध हेागी। ये बस रविवार शाम को मुम्बई पहुंची है। पहले चरण में दस बसों को मुम्बई भेजे जानी की योजना है। अगले सप्ताह से यह बस सेवा शुरु हो सकती है।

मुंबई। देश की पहली बैटरी से चलने वाली एसी डबल डेकर बस जल्द ही यात्रियों के लिए उपलब्ध हेागी। ये बस रविवार शाम को मुम्बई पहुंची है। पहले चरण में दस बसों को मुम्बई भेजे जानी की योजना है। अगले सप्ताह  से यह बस सेवा शुरु हो सकती है। हैदराबाद की स्विच कम्पनी यह बसें बना रही है। ​इसमें 231 kWh की बैटरी लगी है और बस की एक चार्ज में 250 किमी तक चलने की कैपिसिटी है।

80 मिनट में फुल चार्ज

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बस को फिटनेस सर्टिफिकेट भी मिल चुका है। यह सर्टिफिकेट पुणे की ऑटोमोटिव रिसर्च असोसिएशन ऑफ इंडिया (ARAI) ने दिया है। अगस्त 2022 में ही यह बस आ चुकी थी। सड़कों पर उतरने से पहले बस को फिटनसे सर्टिफिकेट की आवश्यकता होती है। बताया जा रहा है कि 45 मिनट की चार्जिंग में यह बस कुल 100 किलोमीटर तक चल सकती है। फुल चार्जिंग में 80 मिनट का समय लगता है। एल्युमीनियम बॉडी से बनी बस की कीमत करीबन दो करोड़ रुपये है। बस में 90 यात्री सवार हो सकते हैं। इसकी आपरेशनल क्षमता 180 किमी मानी जा रही है।

डेढ साल में आएंगी 200 एसी डबल डेकर बसें

​दरअसल, स्विच कम्पनी को कुल बसे बनाने में डेढ साल तक का समय लग सकता है। उसे बेस्ट की तरफ से 200 एसी डबल डेकर बसें बनाने का काम मिला है। कुल 200 एसी बसें सड़कों पर उतारने का लक्ष्य है। इससे करीबन 41 प्रतिशत कार्बन फुटप्रिंट कम करने में मदद मिलेगी। हर वर्ष 26 मिलियन लीटर डीजल भी बचेगा। अभी ऐसी 45 डबल डेकर बसे हैं, जो डीजल से चलती हैं। यह पुरानी बसें जून 2023 तक सेवा से बाहर होंगी। इनकी जगह पर इलेक्ट्रिक डबल डेकर बसें चलेंगी।

यह है योजना?

बेस्ट का लक्ष्य कुल सात हजार बसों का है। अभी तक उसके पास सिर्फ 3600 बसे हैं। महिला विशेष बसों की संख्या 136 है, उनकी संख्या 500 तक बढायी जाएगी। सभी बसों को बिना कंडक्टर के चलाया जाएगा। इससे खर्च में कमी आएगी। बेस्ट के बेड़े में अभी ऐसी 200 बसे हैं।

2026 तक सभी बसे होंगी इलेक्ट्रिक

बेस्ट के बेड़े में 2026 तक सभी बसें इलेक्ट्रिक होंगी। उससे ईंधन की खपत काफी कम होगी। अभी प्रति किमी बसों को चलाने का खर्च करीब 150 रुपये आता है। कमाई प्रति किमी 50 रुपये होती है।

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