
Mumbai Tuition Teacher Burns Student: मुंबई से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जिसने अभिभावकों और समाज को हिला कर रख दिया है। मलाड ईस्ट क्षेत्र में रहने वाले एक 8 वर्षीय छात्र को केवल इसलिए अमानवीय सज़ा दी गई, क्योंकि उसकी लिखावट टीचर को खराब लगी। आरोपी ट्यूशन टीचर ने बच्चे की हथेली पर जलती मोमबत्ती से दाग दिया। पुलिस ने इस क्रूर कृत्य पर त्वरित कार्रवाई करते हुए आरोपी शिक्षक के खिलाफ जेजे एक्ट और भारतीय दंड संहिता की सख्त धाराओं में FIR दर्ज की है।
28 जुलाई की रात लगभग 9 बजे, टीचर ने बच्चे के पिता को कॉल कर ट्यूशन से उसे ले जाने के लिए कहा। रोज़ की तरह उसकी बड़ी बहन उसे लेने पहुंची, लेकिन इस बार बच्चा रोता हुआ बाहर निकला। उसकी दाहिनी हथेली पर जलने के ताज़ा निशान थे। घर पहुंचने पर पिता ने देखा कि बच्चे के बाएं हाथ पर भी चोट के निशान हैं। जब उन्होंने शिक्षक से इस बारे में बात की, तो उसने अपने इस घिनौने कृत्य से इनकार नहीं किया।
जिस समय यह घटना हुई, छात्र की बड़ी बहन वहीं थी। उसने अपने भाई की पीड़ा को अपनी आंखों से देखा और सिहर उठी। उसने अपने माता-पिता को तुरंत बताया। पिता एक सामान्य विक्रेता हैं और परिवार मलाड ईस्ट के एक सामान्य कॉलोनी में रहता है। रोज़मर्रा की ज़िंदगी में संघर्ष करने वाले इस परिवार के लिए यह घटना किसी सदमे से कम नहीं थी।
इस मामले ने शिक्षा प्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या शिक्षक अब सिर्फ ज्ञान देने वाले हैं या सज़ा देने वाले दरिंदे बनते जा रहे हैं? क्या 'खराब लिखावट' जैसी सामान्य बात पर इस कदर प्रताड़ित करना सही है? बच्चों के लिए बनाए गए संस्थान ही जब उनका भरोसा तोड़ें, तो उन्हें न्याय कौन देगा?
हालांकि पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया है और जेजे एक्ट के तहत कार्रवाई की है, लेकिन ऐसे मामलों की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कड़े कदमों की ज़रूरत है। अब वक्त आ गया है जब अभिभावकों, स्कूल प्रशासन और समाज को बच्चों की सुरक्षा को सर्वोपरि मानते हुए सामूहिक ज़िम्मेदारी उठानी चाहिए।
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