
मुंबई। अमरावती से सांसद नवनीत राणा की मुश्किलें बढती नजर आ रही है। कोर्ट ने अवैध जाति प्रमाण पत्र मामले में उनके पिता हरभजन सिंह कुंदालेस को फरार घोषित कर दिया है और सांसद व उनके पिता को एक हजार रुपये जुर्माना भरने का आदेश भी दिया है। फिलहाल, कोर्ट ने मामले की सुनवाई 16 फरवरी तक स्थगित कर दी है।
दरअसल, नवनीत राणा के खिलाफ अवैध जाति प्रमाण पत्र के आरोप के मामले में शिवड़ी कोर्ट में सुनवाई चल रही है, पर सुनवाई के दरम्यान सांसद और उनके पिता कोर्ट में हाजिर नहीं थे। उनकी तरफ से केस की पैरवी कर रहे वरिष्ठ अधिवक्ता भी कोर्ट में मौजूद नहीं थे, बल्कि उनकी जगह जूनियर वकील केस की पैरवी में कोर्ट आए थे। जूनियर वकीलों की तरफ से कोर्ट में सुनवाई के लिए अगली तारीख की मांग की जा रही थी। उधर, आरोपी न्यायालय में उपस्थित नहीं थे। इस पर कोर्ट ने दोनों आरोपियों (सांसद नवनीत राणा और उनके पिता) पर एक हजार का जुर्माना लगा दिया।
पहले भी लग चुका है झटका
इसके पहले भी नवनीत राणा को कोर्ट से राहत नहीं मिली थी। जब उन्होंने फर्जी प्रमाण पत्र के आपराधिक मामले में मजिस्ट्रेट कोर्ट के खिलाफ सत्र न्यायालय में अर्जी लगायी थी। तब भी अदालत ने उनकी याचिका को खारिज कर दिया था।
क्या है विवाद?
दरअसल, सांसद नवनीत राणा पर फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर लोकसभा चुनाव जीतने का आरोप है। उनके खिलाफ शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसुल ने शिकायत कि थी और बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर बेंच में याचिका दाखिल की गई थी। उसमें आरोप लगाया गया था कि नवनीत मूलत: पंजाब की लबाना जाति से हैं और वह जाति महाराष्ट्र में अनुसूचित जाति (SC) की श्रेणी में नहीं आती। उन्होंने फर्जी तरीके से जाति प्रमाण पत्र बनवाया और उसी सर्टिफिकेट के आधार पर लोकसभा चुनाव में उम्मीदवार बनीं थी।
इस वजह से बटोरी थीं सुर्खियां
बीते वर्ष नवनीत राणा ने मीडिया में खूब सुर्खियां बटोरी। जब वह और उनके पति रवि राणा ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढ़ने की चेतावनी दी थी और सीएम आवास के बाहर हनुमान चालीसा पढने के लिए अड़े थे। उस समय हुए विवाद में मुंबई पुलिस ने उन्हें पति समेत गिरफ्तार किया था।
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