ऐसे में माना जा रहा है कि सीनियर पवार पुराना दांव चलकर सत्ता परिवर्तन के लिए दांव लगा सकते हैं। राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक हैं।
मुंबई: राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल पैदा कर दी है। एनसीपी दिग्गज शरद पवार ने कहा कि अगर उनकी पार्टी, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) निर्णय लें, तो वे महाराष्ट्र में बदलाव ला सकते हैं। शरद पवार के बयान कई मायनों में महत्वपूर्ण माना जा रहा है। दरअसल, शिवसेना शिंदे गुट के नेतृत्व वाली राज्य सरकार के घटक दलों में टकराहट की बातें सामने आ रही है। ऐसे में माना जा रहा है कि सीनियर पवार पुराना दांव चलकर सत्ता परिवर्तन के लिए दांव लगा सकते हैं। राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना (यूबीटी) राज्य में महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के घटक हैं।
वर्तमान सरकार के साथ जुड़ना मुश्किल
सीनियर पवार ने यह भी दावा किया कि वर्तमान राज्य सरकार के साथ उनका जुड़ना मुश्किल है। वह रविवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में बोल रहे थे। इस समारोह में उनके साथ मंच पर शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे और वरिष्ठ कांग्रेस नेता बालासाहेब थोराट भी मौजूद थे। एनसीपी से अजीत पवार के बगावत कर शिंदे सरकार से जुड़ने के बाद शरद पवार पहली बार अपने सहयोगी दलों के साथ एक मंच साझा कर रहे थे।
पवार ने याद किया कि कैसे पिछली सरकारों ने प्राचीन कला और संस्कृति, साहित्य और इतिहास के संरक्षण में मदद की थी। उन्होंने कहा कि हमारे लिए वर्तमान राज्य सरकार के साथ जुड़ना मुश्किल है। लेकिन कोई न कोई समाधान निकलेगा। अगर हम तीन (एमवीए घटक) निर्णय लेते हैं तो बदलाव हो सकता है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान शरद पवार ने यह भी कहा कि यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान किताबें प्रकाशित करने वाले समूह, राजवाड़े इतिहास संशोधक मंडल को 50 लाख रुपये देगा। पवार यशवंतराव चव्हाण प्रतिष्ठान के प्रमुख हैं।
भतीजा अजीत पवार बगावत करके 8 विधायकों के साथ शिंदे सरकार से जुड़े
2 जुलाई को अजित पवार और आठ अन्य एनसीपी विधायक राज्य में एकनाथ शिंदे-भाजपा सरकार में शामिल हो गए थे। पहली बार शरद पवार को घर में ही बगावत का सामना करना पड़ा है।
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